By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 13, 2018
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष शरणार्थी अधिकारी ने कहा है कि विस्थापित रोहिंग्या शरणार्थियों की म्यामां वापसी केवल उनकी ‘स्वतंत्र रूप से व्यक्त की गयी इच्छा’ पर होनी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र के आकलन के अनुसार पिछले साल 25 अगस्त से करीब सात लाख अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुस्लिम म्यामां के रखाइन प्रांत में हिंसा से बचने के लिए बांग्लादेश जा चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) फिलिप्पो ग्रेंडी ने रविवार को एक बयान में कहा कि शरणार्थियों की वापसी उनके स्वतंत्र फैसले पर आधारित होनी चाहिए। म्यामां के मुस्लिम अल्पसंख्यक रोहिंग्या समुदाय के खिलाफ अगस्त 2017 के बाद से हिंसा शुरू हो गयी थी जिसके बाद हजारों लोगों को रखाइन प्रांत में अपने घर छोड़कर बांग्लादेश में शरण लेनी पड़ी।