By रेनू तिवारी | Dec 02, 2022
जेएनयू प्रशासन ने गुरुवार को परिसर की कई इमारतों को ब्राह्मण विरोधी नारों से विकृत करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कुलपति ने जल्द से जल्द रिपोर्ट मांगी है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय या जेएनयू के कुलपति ने गुरुवार को परिसर में कई इमारतों को ब्राह्मण विरोधी नारों के साथ विरूपित किए जाने के बाद शिकायत समिति से पूछताछ करने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है। हदें तो तब पार हुई जब इस तरह की हरकत को फैलाने के लिए दीवारों पर ब्राह्मण विरोधी नारों को लिखने के बाद तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की गईं।
जेएनयू वीसी ने कैंपस की इमारतों पर ब्राह्मण विरोधी नारों पर रिपोर्ट मांगी
विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा "कुलपति ने एसआईएस, जेएनयू में कुछ अज्ञात तत्वों द्वारा दीवारों और फैकल्टी के कमरों को खराब करने की घटना पर गंभीरता से ध्यान दिया है। प्रशासन कैंपस में इन बहिष्कारवादी प्रवृत्तियों की निंदा करता है। इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा क्योंकि जेएनयू सभी का है।" बयान में कहा गया है, "डीन, स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज और शिकायत समिति को पूछताछ करने और जल्द से जल्द वी-सी को एक रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है।"
ब्राह्मण विरोधी नारों को गोदी दीवारें
छात्रों ने दावा किया कि स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज II की इमारत की दीवारों को ब्राह्मण और बनिया समुदायों के खिलाफ नारों के साथ तोड़ दिया गया था। जेएनयू शिक्षक समूह ने भी एक बयान जारी कर तोड़फोड़ की निंदा की और "वाम-उदारवादी गिरोह" को जवाबदेह ठहराया। दीवारों पर लिखे कुछ नारे "ब्राह्मण कैंपस छोड़ो," "वहाँ खून होगा," "ब्राह्मण भरत छोड़ो," और "ब्राह्मण-बनिया, हम तुम्हारे लिए आ रहे हैं! हम बदला लेंगे," जैसे नारे दीवारों पर लिखे गये थे। इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर भी शेयर किया गया था।
एबीवीपी जेएनयू अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा, "एबीवीपी कम्युनिस्ट गुंडों द्वारा अकादमिक स्थानों की बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की निंदा करता है। कम्युनिस्टों ने स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज द्वितीय भवन में जेएनयू की दीवारों पर अपशब्द लिखे हैं। उन्होंने स्वतंत्र सोच वाले प्रोफेसरों के कक्षों को डराने के लिए विरूपित किया है।