By अभिनय आकाश | Sep 15, 2022
कर्नाटक विधानसभा में पारित होने के बाद कर्नाटक सरकार ने कर्नाटक विधान परिषद में धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश किया। कांग्रेस के वॉक आउट के बीच कर्नाटक विधान परिषद से भी धर्मांतरण विरोधी विधेयक पारित हो गया। विधान परिषद में पारित धर्मांतरण विरोधी बिल पर कर्नाटक के कानून मंत्री जेसी मधुस्वामी ने कहा कि यह बिल कांग्रेस ने 2015 में तैयार किया था, हम इसे ही आगे बढ़ा रहे हैं। हम किसी को भी प्रतिबंधित नहीं कर रहे हैं जो स्वेच्छा से अपना धर्म बदलता है। इसके लिए, व्यक्ति को स्वेच्छा से अपना धर्म बदलने की इच्छा बताते हुए डीसी के समक्ष आवेदन देना होगा। हम जबरन धर्मांतरण पर कार्रवाई करेंगे।
कांग्रेस विधायक प्रियांक खड़गे ने कहा कि ये सरकार एक व्यक्ति के संवैधानिक अधिकारों को खत्म करने के लिए बाहर है। यह अनुच्छेद 25 से 28 का उल्लंघन है। राज्य सरकार के पास जबरन धर्मांतरण की संख्या का कोई डेटा नहीं है। कांग्रेस एमएलसी नागराज ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि बाढ़ के बाद राज्य में बहुत सारे मुद्दे हैं। ऐसी चीजों को करने की क्या जरूरत है? वे ध्रुवीकरण करना चाहते हैं ... यह लोगों को स्वीकार्य नहीं है क्योंकि वे भाईचारे में रहना चाहते हैं। यह उनका अधिकार है पसंद, एक निजी मामला है।