हां..चुनाव है में बोली अर्चना चिटनिस पैसों की कमी नहीं थी, इच्छाशक्ति और इरादों की कमी थी

By दिनेश शुक्ल | Oct 16, 2020

भोपाल। प्रदेश में 15 माह तक कांग्रेस की सरकार रही। यह सरकार सिर्फ पैसों की कमी बताकर प्रदेश की जनता को गुमराह करती रही। पैसों की कमी का रोना रोकर उनकी योजनाओं को बंद कर दिया। संबल योजना जैसी महत्वाकांक्षी योजना, जिसके जरिए गरीब को कफन के पांच हजार रूपए मिलते थे तो उसकी मौत पर परिवार को 4 लाख रूपए की आर्थिक मदद होती है। यह योजना भी कांग्रेस सरकार ने पैसों की कमी बताकर बंद कर दी, लेकिन वास्तव में पैसों की कमी नहीं थी, कमी थी तो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की इच्छाशक्ति और इरादों में थी। ये बातें पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस ने हां...चुनाव है डिजिटल अभियान में संवाद करते हुए कही।

 

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श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि यह कोई सामान्य उपचुनाव न होकर व्यवस्था और कुव्यवस्था के बीच का उपचुनाव है। यह प्रदेश में शिक्षा के प्रति संवेदनशील और एक निकम्मी असंवेदनशील सोच का उपचुनाव है। यह उपचुनाव तबादला उद्योग चलाकर पैसा कमाने वाले और प्रदेश के विकास करने वालों के बीच का उपचुनाव है। यह प्रधानमंत्री आवास को जन-जन तक पहुंचाने और लाखों आवास वापस करने वाली सरकार के बीच का उपचुनाव है। यह किसान सम्मान निधि देने और किसानों की संख्या सूची केन्द्र को न देने वाली सरकार के बीच का उपचुनाव है। यह महिला, किसान, युवा सहित सभी वर्गों को राहत देने वाली और 15 महीने में ही पैसों के लिए रोने वाली सरकार के बीच का उपचुनाव है।

 

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उन्होंने कहा कि प्रदेश में पैसों की कमी नहीं थी, बल्कि कमलनाथ के इरादों और इच्छाशक्ति में कमी थी। कमलनाथ ने 15 माह तक वल्लभ भवन को दलालों का अड्डा बनाकर रखा। वहां पर विकास की बातें तो कुछ नहीं हुई, सिर्फ लेन-देन का ही काम चलता रहा। हमारी सीट कम आई, लेकिन वोट प्रतिशत बढ़ा। कांग्रेस की 15 साल बाद सरकार आई थी तो सोचा था कि ईमानदारी से काम करेगी, लेकिन उन्होंने तो पहले ही दिन से वादाखिलाफी शुरू कर दी। कांग्रेस की सरकारें हमेशा से लूटो और खाओ की राजनीति करती रही है। इन्होंने कभी भी जनता का दुख-दर्द नहीं समझा। 25 विधायक पद से इस्तीफा न देते तो मध्य प्रदेश 5 वर्षों में काफी पीछे चला जाता। कांग्रेस ने किसानों से झूठा वादा कर 2 लाख रूपए का कर्जमाफ करने का धोखा दिया। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि इस उप चुनाव को पूरा देश ध्यान से देख रहा है। प्रदेश में सरकार बनाने के लिए जिस प्रकार विधानसभा चुनाव में 230 सीटों के बराबर वजनदारी होती है उसी प्रकार 28 सीटों पर एक-एक सीट बहुत अहमियत रखती है। कांग्रेस ने हमेशा देश-प्रदेश की जनता के साथ धोखा दिया है, छलावा किया है, लेकिन अब इस धोखेबाजी से बचना है और प्रदेश में भाजपा सरकार को स्थायी बनाना है।

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