By अंकित सिंह | May 28, 2021
सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध पर कहा कि भारत के उत्तरी सीमा से लगे इलाके में स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि हम पूर्वी लद्दाख में अपने दावों की शुचिता सुनिश्चित करते हुए चीन के साथ दृढ़ता से और बिना तनाव बढ़ाये व्यवहार कर रहे हैं। सेना प्रमुख नरवणे ने साफ तौर पर कहा कि भारतीय सेना इसको लेकर बहुत स्पष्ट है कि यथास्थिति में एकतरफा बदलाव नहीं करने दिया जाएगा। सेना प्रमुख ने कहा कि चीन के साथ लद्दाख गतिरोध पर अगले दौर की वार्ता में अप्रैल 2020 से पहले की यथास्थिति बहाल करने पर जोर रहेगा। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हमारे सैनिकों का नियंत्रण है, किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हमारे पास ‘रिजर्व’ के रूप में पर्याप्त ताकत है। सेना प्रमुख ने कहा कि भारत का रुख बहुत स्पष्ट है कि विवाद के सभी बिन्दुओं से सैनिकों की वापसी होने से पहले कोई तनाव कम नहीं हो सकता।
भारत और चीन में पिछले साल मई की शुरुआत से पूर्वी लद्दाख में कई टकराव स्थलों पर सैन्य गतिरोध जारी है लेकिन कई दौर की सैन्य एवं कूटनीतिक वार्ताओं के बाद फरवरी में उन्होंने पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी किनारों से सैनिकों एवं हथियारों को पीछे हटाने का काम पूरा कर लिया है। दोनों पक्ष अब शेष बचे टकराव के स्थानों से पीछे हटने की कार्रवाई बढ़ाने के लिए बात कर रहे हैं। टकराव वाले बाकी बिंदुओं से सैनिकों की पूरी तरह वापसी की दिशा में कोई प्रगति नहीं दिख रही और चीनी पक्ष ने 9 अप्रैल को भारतीय सेना के साथ सैन्य वार्ता के 11वें दौर में अपने प्रयासों में कोई लचीलापन नहीं दिखाया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा था कि भारत और चीन के बीच संबंध दोराहे पर खड़े हैं और इनकी दिशा इस बात पर निर्भर करती है कि पड़ोसी देश सीमा पर अमन-चैन बनाकर रखने से संबंधित अनेक समझौतों का पालन करता है या नहीं।