By अंकित सिंह | Dec 12, 2023
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला से जब अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को जहन्नुम में जाना चाहिए। पत्रकारों ने फारूक अब्दुल्ला से जम्मू-कश्मीर को लेकर सवाल पूछा। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को जहन्नुम में जाने दो...उन्होंने लोगों को धोखा दिया। वे लोगों का दिल जीतना चाहते हैं। यदि आप लोगों को दूर धकेलने के लिए ऐसी चीजें करेंगे तो आप कैसे जीतेंगे?
हालांकि, बाद में सफाई देते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि आप सचमुच इसे जहन्नुम में ले जा रहे हैं...यदि पृथ्वी पर स्वर्ग है, तो वह यहीं है, यहीं है, यहीं है लेकिन स्वर्ग के लिए क्या किया गया? जब दूसरे राज्यों में चुनाव हो रहे हैं तो जम्मू-कश्मीर में क्यों नहीं? वे कहते हैं आतंकवाद खत्म हो गया, क्या आतंकवाद वाकई खत्म हो गया? क्या हमारे जवान मारे नहीं जा रहे?...दिल दुखता है अंदर से... मैंने प्रधानमंत्री से साफ कहा कि आपको हम पर भरोसा नहीं है और हमें आप पर भरोसा नहीं है। तो हम उस भरोसे को कैसे बनाएं?
फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि पीएम ने जवाब दिया कि "दिल की दूरी और दिल्ली की दूरी को दूर करना है। लेकिन क्या आज तक दूरियां कम हुई हैं?...यह हमारी गलती नहीं है। हम खड़े रहे हैं और जब तक सांस रहेगी इस देश के साथ खड़े रहेंगे। हम किसी अन्य राष्ट्र के साथ खड़े नहीं होंगे। लेकिन हमारा भी सम्मान करें, हमारा भी दिल जीतने की कोशिश करें। भाजपा द्वारा जम्मू-कश्मीर में दशकों से चली आ रही हिंसा और अस्थिरता और अनुच्छेद 370 के तहत पूर्ववर्ती राज्य को विशेष संवैधानिक सुविधाएं देने के लिए देश के पहले प्रधानमंत्री को दोषी ठहराए जाने के बाद मंगलवार को एनसी के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने जवाहर लाल नेहरू का बचाव किया। दावा किया गया कि जब विशेष प्रावधान लाया गया था तब पूर्व अमेरिका में था।