By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 17, 2020
नयी दिल्ली। प्रख्यात समकालीन भारतीय कलाकार अंजुम सिंह का मंगलवार को निधन हो गया। वह करीब छह साल से कैंसर से जूझ रही थीं। वह 53 वर्ष की थीं। कला संग्रहकर्ता“ किरण नादर म्यूजियम ऑफ आर्ट “ने यह जानकारी दी। नादर ने कहा, “ अंजुम सिंह का निधन हो गया है। वह एक शानदार कलाकार थी, वह लंबे समय से लेकिन बहादुरी से कैंसर से लड़ीं।“ अंजुम जाने-माने चित्रकार अर्पिता और परमजीत सिंह की बेटी थीं।
उन्होंने शांतिनिकेतन के कला भवन से ललित कला में स्नातक किया था। इसके बाद दिल्ली के कॉलेज ऑफ आर्ट से इसी विषय में मास्टर डिग्री हासिल की। उनका अंतिम कार्यक्रम“ आई एम स्टिल हेयर “ पिछले साल यहां तलवार गैलरी में हुआ था। इसमें जिन कलाकृतियों का प्रदर्शन किया गया था, वे कैंसर से लड़ने के उनके सफर पर आधारित था। 2014 में उनके कैंसर से पीड़ित होने का पता चला था।
दिल्ली स्थित गैलरी ने इंस्टाग्राम पेज पर लिखा, “ साढ़े छह साल तक कैंसर से बहादुरी से लड़ने के बाद आज अंजुम हमें छोड़कर चली गईं। उनके जाने से एक शून्यता आई है जो हमेशा बरकरार रहेगी, लेकिन उनकी कला, उनकी मुस्कुराहट और कैंसर से लड़ने की उनकी दृढ़ता हमेश हमारे दिलों में रहेगी।“ कवि, कला आलोचक एवं क्यूरेटर रंजीत होसकेटे ने ट्वीट किया, “अंजुम के निधन के बारे में सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। यह भी कोई उम्र थी जाने की। उन्होंने कैंसर से छह साल से ज्यादा समय तक लड़ाई लड़ी। अंजुम की आत्मा को शांति मिले।“
नादर ने कहा कि सिंह अपने काम के जरिए हमारे दिलों में जिंदा रहेंगी। कला संग्रहकर्ता किरण नादर म्यूजियम ऑफ आर्ट की संस्थापक ने कहा, “ उनके पूरे परिवार के प्रति हमारी संवेदनाएं।“ हिंदी के जानेमाने लेखक और रज़ा फाउंडेशन के न्यासी अशोक वाजपेयी ने कहा, “रज़ा फाउंडेशन को अंजुम सिंह के निधन का बहुत दुख है। वह युवा पीढ़ी के विशिष्ट चित्रकार के तौर पर उभरी थीं।“ वाजपेयी ने फेसबुक पर किए पोस्ट में कहा, “वह जानलेवा बीमारी से लड़ रही थीं। उनके माता-पिता जाने-माने चित्रकार अर्पिता सिंह और परमजीत सिंह हैं, जिन्हें काफी दुख पहुंचा है। रज़ा फाउंडेशन दुख की इस घड़ी में उनके साथ हैं।“
राज्यसभा सदस्य और तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डेरेक ओब्रायन ने ट्विटर पर कहा कि बहुत जल्दी चली गईं। वह भारतीय कला जगत में सबसे होनहार कलाकारों में से एक थीं। अंजुम सिंह (53)। उनकी अंतिम कला प्रदर्शनी जिसका शीर्षक “आई एम स्टिल हेयर“ था जो काफी जबर्दस्त थी। उनके माता-पिता के प्रति संवेदनाएं।