By अनन्या मिश्रा | Jul 16, 2025
वर्तमान समय में महिलाएं हर क्षेत्र में परचम लहरा रही हैं। लेकिन न सिर्फ आज बल्कि देश की आदाजी से पहले भी महिलाओं की सहभाहिता ने अहम भूमिका निभाई थी। जब अंग्रेजों से देश को स्वतंत्र कराने में देशवासी संघर्ष कर रहे थे, तो इस दौरान महिलाएं भी अपना योगदान दे रही थीं। ऐसी ही एक महिला अरुणा आसफ अली हैं। जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम और भारत छोड़ो आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। आज ही के दिन यानी की 16 जुलाई को अरुणा आसफ अली का जन्म हुआ था। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर अरुणा आसफ अली के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
तात्कालिक पंजाब के कालका में 16 जुलाई 1909 को अरुणा आसफ अली का जन्म हुआ था। इनका असली नाम अरुणा गांगुली था। इनके पिता का होटल था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा नैनीताल से पूरी की और फिर आगे की शिक्षा के लिए वह लाहौर चली गईं। अरुणा बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि और पढ़ाई में अव्वल रहती थीं।
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अरुणा शिक्षिका बन गईं। इस दौरान वह कोलकाता के गोखले मेमोरियल कॉलेज में पढ़ाने लगीं। फिर साल 1928 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के नेता आसफ अली से प्रेम विवाह कर लिया। बता दें कि आसफ अली अरुणा गांगुली से 21 साल बड़े थे।
फिर अरुणा आसफ अली ने स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया और साल 1930, 1932 और 1942 के व्यक्तिगत सत्याग्रह के समय जेल गईं। साल 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में जब गांधी जी और पंडित नेहरू समेत कांग्रेस के सभी नेता गिरफ्तार हुए। उस समय कांग्रेस के मुंबई अधिवेशन में अरुणा आसफ ने हिस्सा लिया और अगले दिन गोवालिया टैंक मैदान में कांग्रेस का झंडा लहराया था। इस दौरान उन्होंने तीन साल तक भूमिगत रहते हुए आंदोलन जारी रखा। जब उनको ब्रिटिश पुलिस गिरफ्तार न कर सकी, तो अरुणा की संपत्ति जब्त कर बेच दी गई।
वहीं 29 जुलाई 1996 में 87 साल की उम्र में अरुणा आसफ अली का कोलकाता में निधन हो गया था।