By अनुराग गुप्ता | Mar 12, 2019
नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान होने के बाद अब उम्मीदवारों के नाम सामने आने लगे हैं। इसी कड़ी में अब ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का नाम सामने आ रहा है कि वह उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ सीट से अपना पर्चा दाखिल कर सकते हैं। हालांकि, अलीगढ़ हमेशा से ही भारतीय जनता पार्टी का गढ़ रहा है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान ओवैसी ने अपने उम्मीदवार उतारे थे। जिस पर अखिलेश यादव ने आरोप लगाते हुए कहा था कि वह भाजपा की मदद कर रहे हैं।
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मुस्लिम नेता के तौर पर ओवैसी बिगाड़ सकते हैं मामला
मुस्लिमों के कद्दावर नेता असदुद्दीन ओवैसी ने अगर अलीगढ़ से नामांकन दाखिल किया तो बीजेपी और बसपा को भारी नुकसान हो सकता है। क्योंकि अलीगढ़ में 19 फीसदी मुस्लिम आबादी है और बीते वर्षों में देखा जाए तो बसपा को मुस्लिमों का समर्थन प्राप्त होता आया है। इसके अतिरिक्त आपको ध्यान हो तो अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में अगर कुछ भी विवाद उत्पन्न होता है तो ओवैसी की प्रतिक्रिया सबसे पहले आती रही है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन होने के बाद अलीगढ़ सीट बसपा के खाते में गई है और मायावती ने अलीगढ़ से अजीत बालियान को प्रभारी बनाया है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक ऐसा कहा जा रहा है कि सपा-बसपा की तरफ से अजीत बालियान ही उम्मीदवार होंगे। जबकि बीजेपी की तरफ से मौजूदा सांसद सतीश कुमार गौतम हैं। हालांकि साल 2009 में इस सीट पर बसपा का कब्जा रहा है।
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74 फीसदी हिन्दुओं की आबादी
हिन्दू बहुल इलाकों में से एक अलीगढ़ से अगर असदुद्दीन ओवैसी पर्चा दाखिल करते हैं तो भारतीय जनता पार्टी को धुव्रीकरण करने का मौका मिल जाएगा। ऐसे में सपा-बसपा के गठबंधन को भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा। वहीं सूत्रों की मानें तो ओवैसी जल्द ही अलीगढ़ में चुनावी रैली करने जा रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो उनके द्वारा अलीगढ़ से चुनाव लड़ने की संभावनाएं प्रबल हो जाएंगी।