By नीरज कुमार दुबे | Jul 26, 2025
पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने शुक्रवार को चीन के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की। हम आपको बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी सेना के पिटने के बाद यह मुनीर की पहली चीन यात्रा है। हम आपको यह भी याद दिला दें कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के वार से बचने के लिए पाकिस्तान ने चीन से मिले भारी सैन्य उपकरणों का व्यापक रूप से उपयोग किया था लेकिन वह सभी विफल साबित हुए थे। माना जा रहा है कि मुनीर ने शिकायती लहजे में चीन का ध्यान इस ओर भी दिलाया है।
चीन के आधिकारिक मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक मुनीर ने अलग-अलग बैठकों में चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग, शीर्ष सैन्य अधिकारी जनरल झांग यौशिया और विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। इन वार्ताओं में रक्षा, कूटनीति और बहुआयामी सहयोग को गहराई देने के तरीकों पर चर्चा हुई। मुनीर की इस यात्रा के बारे में पाकिस्तान की सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया कि चीनी नेतृत्व ने पाकिस्तान की सशस्त्र सेनाओं को दृढ़ता का स्तंभ और दक्षिण एशिया में शांति का महत्वपूर्ण कारक बताया। बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय रिश्तों की गहराई पर संतोष व्यक्त किया और क्षेत्रीय स्थिरता, बहुपक्षीय सहयोग और समान संप्रभुता के प्रति साझा प्रतिबद्धता दोहराई।
हम आपको बता दें कि आसिम मुनीर की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब वह हाल ही में वाशिंगटन की यात्रा से लौटे हैं। वहां उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात कर अमेरिका के साथ नजदीकी बढ़ाने का प्रयास किया था। यह कदम विशेष महत्व रखता है क्योंकि अमेरिका चीन का रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी है और पाकिस्तान लंबे समय से इन दोनों शक्तियों के बीच संतुलन साधने की कोशिश करता रहा है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक मुनीर ने चीन को अपनी अमेरिकी यात्रा के लिए कोई स्पष्ट सफाई नहीं दी, बल्कि उन्होंने संवाद के दौरान पारस्परिक भरोसे और सुरक्षा प्रतिबद्धता पर बल दिया। देखा जाये तो मुनीर की चीन यात्रा, अमेरिका से लौटने के तुरंत बाद संबंधों की रक्षा और संतुलन बनाए रखने की रणनीति थी।
मुनीर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात के दौरान उन्हें आश्वस्त किया कि पाकिस्तानी सेना चीन के नागरिकों, परियोजनाओं और संस्थाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी। उन्होंने चीन को धन्यवाद दिया कि उसने पाकिस्तान के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में लगातार समर्थन दिया है।
हम आपको यह भी बता दें कि मुनीर की चीन यात्रा के दौरान ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार अमेरिका की यात्रा पर हैं, जहां वे अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो से मुलाकात करेंगे। डार हाल ही में 14 जुलाई को चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी शामिल हुए थे। देखा जाये तो चीन और पाकिस्तान का रक्षा और आर्थिक सहयोग पहले से ही गहरा है। चीन पाकिस्तान को हथियारों, मिसाइलों और सैन्य तकनीक का बड़ा आपूर्तिकर्ता है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान द्वारा चीनी सैन्य उपकरणों का व्यापक उपयोग इस रिश्ते की अहमियत को दर्शाता है। हालांकि, यह यात्रा भारत के लिए भी महत्वपूर्ण संकेत देती है। यह साफ संदेश है कि पाकिस्तान अपने पारंपरिक सहयोगी चीन से और अधिक समर्थन चाहता है, खासकर उस समय जब भारत आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर कड़ा रुख अपना रहा है। चीन की ओर से पाकिस्तान को मिली प्रशंसा भारत-चीन संबंधों पर भी अप्रत्यक्ष असर डाल सकती है।
बहरहाल, आसिम मुनीर की चीन यात्रा पाकिस्तान की रणनीतिक प्राथमिकताओं को स्पष्ट करती है। अमेरिका और चीन के बीच संतुलन साधने के प्रयासों के साथ-साथ वह चीन से रक्षा और कूटनीतिक समर्थन हासिल करना चाहता है। यह कदम भारत के लिए संकेत है कि पाकिस्तान भविष्य में अपने सहयोगियों का सहारा लेकर अपनी सामरिक स्थिति मजबूत करने की कोशिश करेगा।