अपनी बात से पलटी मारते रहे हैं बाबा रामदेव, अब फिर मजाक कर रहे

By मनोज झा | Sep 21, 2018

देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें शतक लगाने के करीब हैं, तेल की कीमतों पर दिल्ली से लेकर मुंबई तक हाहाकार मचा है। लेकिन योग गुरु रामदेव लोगों को फिर से नया सपना दिखा रहे हैं। रामदेव ने दावा किया है अगर सरकार उन्हें अनुमति दे और टैक्स में कुछ छूट मिले तो मैं देश में 35 से 40 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल-डीजल बेच सकता हूं। रामदेव का कहना है कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी टैक्स स्लैब के न्यूनतम दर यानि 5 फीसदी की श्रेणी में रखा जाना चाहिए।

 

आपको याद होगा ये वही रामदेव बाबा हैं जिन्होंने चुनाव के समय दावा किया था कि अगर केंद्र में मोदी की सरकार बनेगी तो पेट्रोल 35 रुपए लीटर बिकेगा...और तो और सिलेंडर के दाम भी 200 रुपए हो जाएंगे। रामदेव जी मोदी सरकार के 5 साल पूरे होने वाले हैं...पेट्रोल की कीमत कम होने की बात तो दूर....अब तो शतक के करीब है। 

 

कभी मोदी की जय-जयकार करने वाले रामदेव अब यहां तक कह रहे हैं कि अगर सरकार महंगाई रोकने में नाकाम रही तो चुनाव में उसे इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी। रामदेव की मानें तो महंगाई की आग मोदी सरकार को भारी पड़ेगी। सवाल उठता है कि क्या मोदी सरकार से रामदेव का मोहभंग हो गया। 2014 में देश भर में घूम-घूमकर बीजेपी का प्रचार करने वाले रामदेव ने ये भी कहा है कि वो 2019 में बीजेपी के लिए प्रचार नहीं करेंगे। रामदेव की मानें तो उन्होंने खुद को राजनीति से अलग कर लिया है। रामदेव का कहना है कि मैं सभी पार्टियों का हूं और स्वतंत्र हूं।

 

शायद रामदेव को भी इस बात का अंदाजा हो गया है कि महंगाई को लेकर लोगों में गुस्सा है तभी तो कभी मोदी और बीजेपी की तारीफ में कसीदे पढ़ने वाले बाबा आज खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। रामदेव ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि कई लोग मोदी सरकार की नीतियों की तारीफ करते हैं लेकिन अब उसमें सुधार की जरूरत है। लेकिन सवाल उठता है अगर योग गुरु रामदेव मानते हैं कि पेट्रोल-डीजल के दाम 35 से 40 रुपए हो सकते हैं तो फिर वो सरकार पर इसके लिए दबाव क्यों नहीं बनाते। सिर्फ टीवी चैनल पर बयान देने से काम नहीं चलेगा। अगर उन्हें महंगाई से त्रस्त जनता की मदद करनी है तो खुलकर सामने आना होगा।

 

चुनाव से पहले मोदी सरकार को लेकर रामदेव का ये बयान काफी महत्व रखता है। अब देखना है बीजेपी योग गुरु की नसीहत पर कितना अमल करती है। आपको याद होगा पिछली बार चुनाव से पहले किस तरह रामदेव ने कालाधन और भ्रष्टाचार को लेकर मनमोहन सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। बहरहाल देश की जनता इस सियासी खेल का हिस्सा नहीं बनना चाहती...उन्हें तो बस महंगाई से राहत मिलनी चाहिए। 

पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर सरकार कितनी गंभीर है इसका पता तो लोगों को तभी चल गया जब केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा...मुझे पेट्रोल-डीजल की कीमतों से परेशानी नहीं...मंत्री हूं फोकट में मिलता है। मुझे परेशानी तब होगी जब मेरी कुर्सी जाएगी। सही कहा मंत्री जी ने भला उन्हें क्या फर्क पड़ेगा...पेट्रोल 100 रुपए लीटर बिके या फिर 200 रुपए।

   

हैरानी की बात ये है कि बीजेपी के कई समर्थक पेट्रोल-डीजल को लेकर सरकार के बचाव में अजीबोगरीब दलीलें देते हैं। कुछ लोग कार और बाइक चलाने वालों को अमीरों की श्रेणी में रखते हैं। दिल्ली-मुंबई समेत देश के कई शहरों में ऐसे करोड़ों मध्यमवर्गीय परिवार हैं जो पेट्रोल-डीजल की मार झेल रहे हैं। अब पब्लिक ट्रांसपोर्ट सस्ता नहीं रहा...मेट्रो का किराया सभी को मालूम है...बसों का किराया सभी को पता है...मैं दिल्ली और मुंबई में ऐसे कई लोगों को जानता हूं जो जान जोखिम में डालकर सिर्फ इसलिए बाइक पर चलते हैं ताकि उनकी जेब पर बोझ ना पड़े। पेट्रोल-डीजल के दामों में लगी आग से 30-40 हजार कमाने वाले लोगों पर क्या असर पड़ा है ये सिर्फ वो ही जानते हैं। बहरहाल हम वापस मुद्दे की बात पर आते हैं...हर मध्यमवर्गीय परिवार योग गुरु रामदेव से जानना चाहता है कि क्या सचमुच पेट्रोल-डीजल 40 रुपए लीटर मिल सकते हैं। कहीं बाबा उनके साथ फिर से तो मजाक नहीं कर रहे।

 

-मनोज झा

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