By अभिनय आकाश | Dec 22, 2025
बांग्लादेश हिंसा की आग भले ही बुझ गई हो लेकिन तनाव कम नहीं हुआ है। बांग्लादेश के कट्टरपंथी अल्पसंख्यक हिंदुओं को लगातार टारगेट कर रहे हैं। भारत में इसको लेकर गुस्सा है। देश के अलग-अलग शहरों में बांग्लादेश के खिलाफ आक्रोश दिखा। सिर्फ भारत नहीं पड़ोसी नेपाल में भी हिंदुओं का गुस्सा बांग्लादेश पर प्रदर्शन के जरिए फूटा। ये गुस्सा ये आक्रोश मुर्दाबाद मुर्दाबाद मुर्दाबाद और यह खामोशी पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश धक रहा है। नफरत की साग में हिंदुओं के घर भी जले और हिंदू जिंदा भी जले। यह गुस्सा उसी नफरत के खिलाफ है जिसने ढाका में हिंदू युवक दीपपू दास की पीट-पीट कर हत्या कर दी और फिर सरेआम उसके शव को आग लगा दिया। दीपू दास की हत्या और हिंदुओं पर टारगेटेड हमले के खिलाफ ढाका में अल्पसंख्यक हिंदू इकट्ठा हुए और न्याय की मांग की। यह मौन विरोध था ढाका की उस व्यवस्था के खिलाफ जिसने धर्म के आधार पर एक युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दी। यह मौन विरोध उस नफरत के खिलाफ था जिसने धर्म के आधार पर एक युवक को मार डाला।
ढाका के ढाकेश्वरी मंदिर में भी हिंदू संगठन के लोग इकट्ठा हुए और दीपू दास को श्रद्धांजलि दी। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचार के खिलाफ भारत में आक्रोश है। जमशेदपुर में बीजेपी और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे और बांग्लादेशी सरकार के एडवाइजर मोहम्मद यूनुस का पुतला फूंक दिया। मुर्दाबाद मुर्दाबाद मुर्दाबाद मुर्दाबाद मुर्दाबाद। यह आक्रोश सिर्फ जमशेदपुर तक नहीं है। देश की राजधानी दिल्ली में बांग्लादेशी दूतावास के बाहर प्रदर्शनकारी जुटने लगे। हालांकि समय रहते दिल्ली पुलिस सक्रिय हुई और सभी प्रदर्शनकारियों को वापस भेज दिया। असम के सीमावर्ती जिलों में भी बांग्लादेश के खिलाफ आक्रोश दिखा। त्रिपुरा में हजारों की संख्या में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता सड़क पर आ गए। बांग्लादेश के खिलाफ नारेबाजी करने लगे और पुतला भी जलाया।
वहीं सिलचर में हिंदू संगठनों ने बांग्लादेशी हिंदुओं की रक्षा की मांग करते हुए विरोध दर्ज कराया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ जो हो रहा है उसकी आंच नेपाल तक पहुंची है। नेपाल के आठ जिलों में हिंदू संगठन आक्रोशित है। नेपाली नागरिकों ने बांग्लादेश के खिलाफ आवाज बुखर की। साथ ही अपनी सरकार से मांग की कि बांग्लादेशी दूतावास को नेपाल से तुरंत हटाया जाए और उनके डिप्लोमेट्स को देश से भगाया जाए। बांग्लादेश में जिहादी सक्रिय है। मानो पूरे देश को कट्टरपंथियों ने कब्जे में ले लिया हो। शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग के कार्यकर्ताओं को भी यह जिहादी ताकतें खोजखोज कर मार रही है।