By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 19, 2018
नयी दिल्ली। बैंक यूनियनों ने सरकार के बैंक आफ बड़ौदा (बॉब) की अगुवाई में तीन बैंकों के विलय के प्रस्ताव का विरोध किया है। सरकार ने बॉब, विजया बैंक और देना बैंक के विलय का प्रस्ताव किया है। यूनियनों का आरोप है कि सरकार का इस कदम के पीछे मकसद गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) और बड़ी कंपनियों से कर्ज की वसूली के मुद्दे से ध्यान हटाना है।
आल इंडिया बैंक आफिसर्स कनफेडरेशन (एआईबीओसी) ने कहा कि भारतीय बैंकिंग उद्योग की प्रमुख समस्या बढ़ता एनपीए है जो 10 लाख करोड़ रुपये के पार हो चुका है। एआईबीओसी ने कहा कि विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्रवाई नहीं होना सरकार की ओर से राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी को दर्शाता है।