आजादी के 75वां वर्ष होने पर 465 स्थलों पर होगी भारत माता की आरती, 75000 लोग गाएंगे वंदे मातरम

By सत्य प्रकाश | Nov 16, 2021

अयोध्या। देश में आजादी के 75 वें वर्ष को लेकर मनाया जा रहा है अमृत महोत्सव के तहत अयोध्या में विजय दिवस का आयोजन किया जाएगा या आयोजन 19 नवंबर से 19 दिसंबर तक होगा जिसमें जनपद के 465 स्थलों पर कार्यक्रम की जाने की रूपरेखा तैयार की गई है जिसमें आजादी से जुड़े अमर शहीद महापुरुष वास्तविक को याद किया जाएगा इसके साथ ही सभी स्थलों पर भारत माता की आरती भी उतारी जाएगी। वही कार्यक्रम के आखिरी दिन 19 सितंबर को 75000 लोग एक साथ वंदे मातरम का गायन भी करेंगे। जिसके लिए पूरी तैयारी की जा रही है।

 

इसे भी पढ़ें: 107 वर्ष के बाद काशी में पुनर्स्थापित होगी माता अन्नपूर्णा देवी, अयोध्या से रवाना हुई यात्रा

अयोध्या में चल रही तैयारी की जानकारी देते हुए भाजपा के महानगर संयोजक महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने बताया कि अयोध्या में अमृत महोत्सव के तहत विजय दिवस को बनाए जाने की तैयारी की जा रही है यह कार्यक्रम 19 नवंबर से प्रारंभ कर दिया जाएगा जिसके तहत 90 बस्तियों 107 छोटी बस्तियों में भारत माता की पूजन की व्यवस्था होगी। तीन प्रचार रथो के माध्यम से शहीदों की गाथाओं को पूरे नगर में जगह-जगह घुमाया जाएगा। 5 दिसंबर को 465 जगहों पर भारत मां का पूजन व्यवस्था की गई है।जिसमे ऐतिहासिक स्थलों पर घटनाओं के पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जाएगा। उसकी भावनाओं से जुड़ने का प्रयास होगा। महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने बताया कि 18 दिसम्बर को सूर्य कुंड पर एक शाम शहीदों के नाम पर 11000 दीपक और श्रद्धांजलि दी जायेगी। 19 दिसंबर को होगा एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।जिसमे 75 हज़ार से अधिक लोग वंदे मातरम का वंदन करेगे।और शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि दी जाएगी।कार्यक्रम का कुशल संचालन के लिए 25 लोगों की समिति बनाई गई हैं।

प्रमुख खबरें

केजरीवाल जैसा यू-टर्न लेने वाला आदमी नहीं देखा, Delhi में बोले Amit Shah, भारत से ज्यादा राहुल के पाकिस्तान में समर्थक

इब्राहिम रईसी के निधन पर भारत ने किया 1 दिन के राजकीय शोक का ऐलान, जयशंकर ने कहा ईरान के साथ खड़ा है देश

New Delhi Lok Sabha Seat: बांसुरी स्वराज के लिए जेपी नड्डा ने किया रोडशो, केजरीवाल पर जमकर साधा निशाना

पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर खत्म होगा रेल रोको आंदोलन, रेलवे ट्रैक को खाली करेंगे किसान