By अनुराग गुप्ता | Aug 21, 2022
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाने वाले जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का रविवार को बयान सामने आया। जिसमें उन्होंने मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने को लेकर नाराजगी की खबरों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि मेरी रुचि मंत्री बनने में ना थी, ना है और ना आगे रहेगी। कहा जा रहा था कि मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान तैयार सूची में उपेंद्र कुशवाहा का नाम शामिल नहीं होने की वजह से वो नाराज चल रहे हैं। इसीलिए मंत्रिमंडल विस्तार कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए।
मंत्री बनने में नहीं है रूचि
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने अपने बारे में चल रही खबरों पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि गठबंधन बदला पार्टी के नेता की भावना के अनुकूल गठबंधन में परिवर्तन करना जरूरी था। मैं अपने निजी काम से बाहर था। मेरे लिए ये कहना, मैं नाराज होकर चला गया तो ऐसा नहीं था। उन्होंने कहा कि जो लोग मुझे जानते है उन्हें पता है कि मंत्री बनने में मेरी कोई रूचि नहीं है। मेरी रूचि ना मंत्री बनने में थी, ना है और ना आगे रहेगी।
महागठबंधन की सरकार बनने के साथ ऐसी खबरें चलने लगी कि उपेंद्र कुशवाहा मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं लेकिन अब उनका नाम सूची से हटा दिया गया है और वो बिहार में मौजूद नहीं हैं क्योंकि वो नाराज हैं। हालांकि इन तमाम खबरों पर उन्होंने अपना स्पष्टीकरण दे दिया है। इसको लेकर उन्होंने एक पोस्ट भी साझा किया था।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि राज्य में मंत्री न अभी बनना था और न कभी भविष्य में ऐसी चाहत है। पहले खबर फैलाई गई कि उपेंद्र कुशवाहा बिहार सरकार में मंत्री बनेंगे। फिर कहा जा रहा है कि मंत्री नहीं बनने से नाराज़ हैं। अरे भाई, आपको मालूम है न, मैं तो भारत सरकार में मंत्री था। वहां से किसी ने हटाया नहीं था मुझे। सम्मान पर पड़ा, मैंने स्वयं इस्तीफा दे दिया। जब भारत सरकार में मंत्री की कुर्सी ने मुझे नहीं ललचाया तो राज्य सरकार में मंत्री बनना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है क्या..!