लॉकडाउन के चलते कोटा में फंसे बिहार के छात्रों ने शुरू किया भूख हड़ताल, वापसी की लगाई गुहार

By अभिनय आकश | Apr 24, 2020

मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने कोटा गये और वहां ये लॉकडाउन फंस गए। कोटा में संस्थान बंद है, हॉस्टल में भी खाना ठीक से नहीं मिल रहा है और इस सब चीजों ने घर में इनके माता-पिता की चिंता को बढ़ा दिया है। लिहाजा ये छात्र बिहार के सीएम नीतीश कुमार से वापस बुलाने की गुहार लगा रहे हैं। बिहार के छात्रों ने अपनी घर वापसी के लिए भूख हड़ताल शुरू कर दिया है। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश से अपने घर जाने के लिए बसें भेजने की अपील की है।

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वैसे तो कोटा में देशभर के हजारों छात्र फंसे हैं लेकिन उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड समते पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के छात्र अपने-अपने राज्य लौट चुके हैं। और जो शेष हैं उन्हें भी उनके राज्यों की सरकारों द्वारा ले जाया जा रहा है। लेकिन बिहार के छात्रों को ले जाने के लिए सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं की गई है। 

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18 हजार छात्र अपने-अपने घर पहुंचे

उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड के करीब 12 हजार 500, मध्यप्रदेश के 2800, गुजरात के 350 तथा दादरा एवं नागर हवेली के 50 बच्चे शामिल हैं। इसी प्रकार कोटा संभाग के अन्य जिलों के 2200 बच्चों को भी सकुशल उनके घर पहुंचाया गया है। कोटा से शुक्रवार को हरियाणा के 1000, असम के 400 तथा राजस्थान के विभिन्न जिलों के 1500 बच्चे अपने-अपने घरों के लिए रवाना होंगे। इसी तरह शनिवार को हिमाचल प्रदेश के 100, राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों के 500 बच्चे बसों से तथा 300 बच्चे अपने निजी साधनों से घर जाएंगे। कोटा जिला प्रशासन ने घर लौटने के इच्छुक राजस्थान के अन्य जिलों के कोटा में पढ़ रहे कोचिंग विद्यार्थियों के लिए एक गूगल फॉर्म एचटीटीपी://बिआईटी.एलवाई/राज_स्टूडेंट_घर_वापसी जारी किया है।

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बिहार में VVIP लोगों की बहार 

नवादा की कहानी से चो सभी परिचित होंगे। जिसमें एक विधायक को एसडीओ ने पास जारी किया और वे गाड़ी लेकर कोटा पहुंच गए जहां से उन्हें अपनी बेटी को घर लाना था। जिसके बाद भोजपुर के सदर एसडीओ अरुण प्रकाश द्वारा भी वीवीआईपी लोगों की मदद करने का मामले सामने आया। कोटा और दूसरे राज्यों में पढ़ने वाले छात्रों को बिहार वापस लाने के लिए खुलकर पास बांटे गए।

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पटना हाईकोर्ट में याचिका, नीतीश का जवाब

पटना हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया। ये याचिका एक छात्रा के पिता के द्वारा दायर की गयी। नीतीश कुमार सरकार ने छात्रों के बारे में कहा कि कोटा के जिला अधिकारी ने उन्हें घर वापस जाने का पास निर्गत किया तो उसका विरोध केंद्र और राज्य सरकार से जताया।

लोकसभा अध्यक्ष ने राज्य सरकारों को कहा साधुवाद

कसभा अध्यक्ष और कोटा से सांसद ओम बिड़ला ने कहा कि जिन राज्य सरकारों ने कोरोना संकट के बीच कोटा में कोचिंग कर रहे विद्यार्थियों को गृह राज्य ले जाने की व्यवस्था की, उन्हें साधुवाद। जो बच्चे अब भी कोटा में हैं, उनके माता-पिता को आश्वस्त करता हूं कि स्थानीय अभिभावक के रूप में, मैं हर समय प्रत्येक बच्चे के साथ हूं।

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