लोगों की नजरों में एक नेता के रुप में पहचान बनाने वाले संजय भाटी का नाम पुलिस की फाइलों में आरोपी के तौर पर दर्ज है। उस पर आरोप है कि उसने ठगी का जाल बिछाकर करोड़ों रुपए डकार लिए। ठगी का शिकार हुए लोगों ने जब अपने खून-पसीने की कमाई मांगी तो उसने राजनीति को अपनी ढाल बनाते हुए कई महीनों से कानून की आंखों में धूल झोंकता रहा। गौरतलब है कि संजय भाटी बहुजन समाज पार्टी का नेता बताया जाता है।
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बसपा ने भाटी को लोकसभा का प्रत्याशी बनाया था। लेकिन ठगी उजागर होने के बाद उसका टिकट रद्द कर सतबीर नागर को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया था। सबसे पहले भाटी पर जयपुर के एक शख्स ने धोखाधड़ी और जलसाजी के आरोप लगा कर उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। सुनील कुमार मीणा का आरोप था कि शुरू में तो उन्हें स्किम के तहत प्रॉफिट की रकम मिलती रही। लेकिन जब उसे रकम मिलना बंद हो गयी और उसने जब कंपनियों के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की तब उसे पता चला की वो ठगा जा चुका है। बाद में कई सारे लोगों ने भाटी की कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कराया औऱ अबतक 33 मुकदमें दर्ज किए गए हैं।
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फर्जीवाड़े का फॉर्मूला
- बाइक बोट यानी मोटरसाइकिल टैक्सी सर्विस
- लोगों को भारी मुनाफे के सपने दिखाकर इन्वेस्टमेंट प्लान समझाया था।
- बाइक बोट स्कीम के तहत एक बाइक की कीमत रखी गयी थी 62100 रुपए।
- लोगों को एक महीने की कमाई बताई गयी 9765 रुपए।
- इस हिसाब से साल भर की कमाई बताई गयी 117180 रुपए।
- लोगों को एक साल में 55080 के प्रॉफिट का लालच दिया गया।