By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 05, 2019
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि भाजपा लोगों को ‘‘ब्लैकमेल करने के लिए’’ सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है और फिर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कर रही है। ममता ने कहा कि उनके मन में सीबीआई के लिए काफी सम्मान है। उन्होंने सीबीआई से रवीन्द्र नाथ टैगोर के नोबेल पदक की चोरी के मामले की जांच उतनी ही तेजी से करने का अनुरोध किया, जिस तरह से जांच एजेंसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के आदेशों को तामील करती है।
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गौरतलब है कि टैगोर का नोबेल पदक शांतिनिकेतन से 2004 में चोरी हो गया था और अब तक बरामद नहीं हो पाया है। यहां मेट्रो सिनेमा इलाके में अपना तीन दिनों से चला आ रहा धरना खत्म करने से पहले तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने यह कहा। वह चिट फंड घोटाले के सिलसिले में कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार से सीबीआई की पूछताछ की कोशिश के खिलाफ धरना पर बैठी थी। ममता ने आरोप लगाया कि आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान तृणमूल कांग्रेस को हेलीकॉप्टर मुहैया करने के लिए किए गए समझौतों को रद्द करने को लेकर कंपनियों पर दबाव बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने दो मौकों के लिए हेलीकॉप्टर बुकिंग की अग्रिम रकम दी थी और कंपनी ने दोनों मामलों में पैसा लौटा दिया। वह (भाजपा) इतनी डरी हुई क्यों है? इस तरह के कार्य से भाजपा को ममद नहीं मिलेगी क्योंकि मैं पैदल भी चल सकती हूं, या साइकिल से भी जा सकती हूं। या, मैं ऑनलाइन हो सकती हूं --जहां सोशल नेटवर्क और डिजिटल मंच है। ममता ने कहा कि भाजपा द्वारा ब्लैकमेल किए जाने वाले लोग जब भगवा पार्टी में शामिल हो जाते हैं तब उनके खिलाए केंद्रीय एजेंसियों द्वारा दर्ज मामले हटा दिए जाते हैं।
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उन्होंने कहा कि जब आप भाजपा में शामिल हो जाते हैं, तब कोई मामला नहीं होता। आपके खिलाफ कोई सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग नहीं होता। पश्चिम बंगाल में रविवार को दो रैलियों के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हेलीकॉप्टर को उतरने की इजाजत नहीं देने के आरोपों पर ममता ने कहा कि भाजपा आखिरी क्षणों में रैलियां करना और जनसभाएं करना चाहती हैं, जिससे प्रशासन को तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता। ममता ने कहा कि उन्हें अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के पश्चिम बंगाल की यात्रा करने में कोई परेशानी नहीं है लेकिन आदित्यनाथ को दूसरे राज्य के बारे में सोंचने से पहले अपने राज्य की सुध लेनी चाहिए।