बिहार चुनाव के लिए भाजपा तैयार, राष्ट्रवाद और विकास के मुद्दे को बनाएगी चुनावी हथियार

By अंकित सिंह | Jul 07, 2020

बिहार में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज है। महागठबंधन और एनडीए में खटपट के बीच सभी पार्टियां अपने-अपने तरीके से आने वाले चुनाव की तैयारियां कर रही हैं। सत्ता में जनता दल यूनाइटेड की सहयोगी भाजपा भी आने वाले चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में जुटी हुई है। आने वाले चुनाव में भाजपा किन मुद्दों पर मैदान में उतरेगी इस को लेकर प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बड़ा बयान दिया है। संजय जायसवाल ने साफ तौर पर कहा कि आने वाले चुनाव में राष्ट्रवाद और विकासवाद दोनों ही भाजपा के मुद्दे रहेंगे। उन्होंने राष्ट्रवाद और विकासवाद को जुड़वा भाई भी बता दिया। हालांकि बातों ही बातों में संजय जायसवाल ने यह भी साफ कर दिया कि राज्यों के चुनाव में विकासवाद का मुद्दा आगे रहता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं हो सकता कि राष्ट्रवाद की बात ही ना हो।

 

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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में हम विकास के मुद्दे पर ही लड़ेंगे लेकिन राष्ट्रवाद की भी बात जरूर करेंगे। उन्होंने कहा कि विपक्षियों ने पहले ही यह बात स्पष्ट कर दिया है कि वह 1990 से 2005 तक बिहार में हुए विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में भाजपा इस चुनाव में यह सवाल जरूर उठाएगी कि 1990 से 2005 तक वाला विकास जनता को चाहिए या फिर 2005 से 2020 तक वाला विकास। उन्होंने कहा कि इसके बाद जनता तय करेगी कि उन्हें विपक्ष का विकास पसंद है या फिर भाजपा का। संजय जायसवाल ने आगे कहा कि हम देश का चुनाव राष्ट्रवाद के मुद्दे पर जरूर लड़ते हैं लेकिन राज्य का चुनाव विकास के मुद्दे पर ही हो तो ज्यादा बेहतर होता है। हालांकि यह दोनों आईडेंटिकल ट्विंस ब्रदर हैं। भाजपा दोनों को हमेशा साथ लेकर ही चलती है। राष्ट्रवाद और विकास दोनों में से हम किसी मुद्दे को नहीं छोड़ते।

 

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जायसवाल ने स्पष्ट तौर पर कहा कि बीजेपी का तो पंचनिष्ठा का पहला सिद्धांत ही है राष्ट्रवाद है। उन्होंने कहा कि भाजपा का कोई सदस्य भी बनता है तो वह राष्ट्रवाद पर निष्ठा की शपथ लेता है तभी उसे सदस्यता दी जाती है। एनडीए गठबंधन में खटपट की खबरों को लेकर भाजपा लगातार यह कह रही है कि फिलहाल इस तरीके की बातें बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि जब से भी प्रचार शुरू होगा हम सभी मिलकर एक साथ प्रचार करेंगे। भाजपा की बात करते हुए उन्होंने कहा कि हम सब पार्टी के लिए काम करते हैं और जब से यह कैंपेनिंग की शुरुआत होगी हम अपने गठबंधन के सहयोगियों के साथ मिलकर अभियान चलाएंगे जिसके लिए रूपरेखा तैयार की जा रही है। संजय जायसवाल ने कहा कि मोदी सरकार के 6 साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चिठ्ठी को एक अभियान की तरह बिहार में घर-घर पहुंचाया गया है।

 

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लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने राष्ट्रवाद का मुद्दा जमकर उठाया था जिसका उसे चुनावी फायदा भी हुआ। हालांकि राज्यों के चुनाव में भाजपा के राष्ट्रवाद में जनता ने कुछ खास दिलचस्पी नहीं दिखाई। यही कारण है कि लोकसभा चुनाव के बाद हुए राज्यों के चुनाव में पार्टी को बहुत कम ही सफलता मिल पाई है। बिहार में 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा ने राष्ट्रवाद का मुद्दा जमकर उठाया था लेकिन पार्टी को इसका फायदा नहीं हुआ था। फिलहाल 2020 के चुनाव में भाजपा के लिए समीकरण बदले हुए हैं। ऐसे में पार्टी नीतीश कुमार के चेहरे और राष्ट्रवाद के नाम पर वोटरों को लुभाने की कोशिश तो जरूर करेगी।

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