By अंकित सिंह | Jun 21, 2025
2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने एक-दूसरे पर तीखे हमले शुरू कर दिए हैं। पिछले शुक्रवार को पीएम मोदी के बिहार दौरे के बादराजनीति में तेज़ी आई है। इसके बाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने तीखा पलटवार करते हुए कहा, "हमें पॉकेट पीएम नहीं चाहिए।" इस विवाद के बीच जगह-जगह एनडीए समर्थित पोस्टर लगाए गए हैं। भाजपा और जदयू नेताओं ने तेजस्वी के बयान को प्रधानमंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ‘सीधा अपमान’ करार दिया है।
पटना के प्रमुख चौराहों पर लगे एक पोस्टर ने लोगों का ध्यान खींचा है, जिसमें लिखा है: ‘मेरा बाप चोर है, मुझे वोट दो।’ पोस्टर में हाथ में लालटेन लिए भैंस पर बैठे राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव का कार्टून है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि निजी हमलों का असर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 और संसद के मानसून सत्र पर भी पड़ सकता है। पोस्टर वार का असर राजद के प्रति लोगों की धारणा पर भी पड़ सकता है। माना जा रहा है कि उपचुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग और तेज हो सकती है।
तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘पॉकेटमार’ कहकर विवाद खड़ा कर दिया और आरोप लगाया कि राज्य में उनकी रैलियों के आयोजन के लिए सरकारी धन का इस्तेमाल किया जाता है। बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने इसकी निंदा की और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष को उनके शब्दों के चयन के लिए आड़े हाथ लिया। तेजस्वी ने सिवान जिले में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम के तुरंत बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमें ऐसा प्रधानमंत्री नहीं चाहिए जो पॉकेटमार हों। भीड़ जुटाने के लिए प्रशासन को लगाया गया था। लोगों को जबरदस्ती लाया गया। राजग के घटक दल भीड़ जुटाने के लिए सरकारी मशीनरी और सरकारी धन का दुरुपयोग करते हैं।’’
प्रधानमंत्री ने सिवान में 5600 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन किया था और पाटलिपुत्र से गोरखपुर के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। राजद नेता ने दावा किया कि प्रधानमंत्री की इस रैली के लिए वे कई दिनों से बिहार सरकार का पैसा खर्च कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ यह सरासर पॉकेटमारी है। हम न तो पॉकेटमार प्रधानमंत्री चाहते हैं और न ही ऐसा मुख्यमंत्री जो होश में न हों।’’