UP में 30 से ज्यादा सांसदों के टिकट काटेगी भाजपा, राज्य के कुछ मंत्री लड़ेंगे LS चुनाव

By नीरज कुमार दुबे | Apr 25, 2018

भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है और उसकी खास नजर उत्तर प्रदेश पर लगी हुई है जहाँ उसे 2014 में सर्वाधिक सीटें मिली थीं। तब सहयोगी दलों के साथ मिलकर भाजपा ने राज्य की 80 में से 73 सीटें हासिल की थीं जिनमें अकेले भाजपा की 71 सीटें थीं। उसके बाद भाजपा ने राज्य विधानसभा चुनावों में भी जोरदार प्रदर्शन करते हुए 300 से ज्यादा सीटों पर कब्जा जमाया था। लेकिन राज्य में सरकार बनने के बाद समाज के विभिन्न तबकों के बीच उभरे असंतोष को लेकर पार्टी परेशान है। हालांकि हाल ही में नगर निकायों के चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहा लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रही नाराजगी को लेकर पार्टी चिंतित है। साथ ही गोरखपुर और फूलपूर संसदीय सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा की हार से भी पार्टी सकते में है।

 

भाजपा सूत्रों का इस बारे में कहना है कि पार्टी केंद्र और राज्य सरकार के कार्यों को निचले स्तर तक पहुँचाने के काम में जी-जान से लगी हुई है और पार्टी विस्तारकों को भी इस काम में लगाया गया है। इसके अलावा पार्टी ने सभी सांसदों का रिपोर्ट कार्ड भी तैयार करना शुरू कर दिया है और इस काम में पार्टी नेताओं तथा संघ के नेताओं की भी राय ली जा रही है। माना जा रहा है कि भाजपा उत्तर प्रदेश में अपने 30 से 35 सांसदों के टिकट काट कर उनकी जगह नये उम्मीदवार ला सकती है क्योंकि पार्टी मान कर चल रही है कि जो स्थानीय स्तर पर नाराजगी है भी वह सांसद से है ना कि भाजपा या केंद्र सरकार से। जिन सांसदों के टिकट कटने वाले हैं उनमें कई ऐसे हैं जोकि 2014 में ऐन चुनावों के मौके पर भाजपा में आये थे। कुछ नाम ऐसे भी हैं जोकि इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे या उन्हें उम्मीदवार ही नहीं बनाया जायेगा। ऐसे नामों में कानपुर से डॉ. मुरली मनोहर जोशी और देवरिया से कलराज मिश्र का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है।

 

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बातचीत में कहा कि पार्टी की रणनीति है कि दूसरे दलों के जो सशक्त उम्मीदवार हैं उन्हें उन सीटों पर उतारा जाये जहां हमारे सांसद के प्रति नाराजगी है। इस रणनीति पर काम शुरू भी कर दिया गया है। इसी के तहत हाल ही में कुछ अन्य पार्टियों के पूर्व सांसद भाजपा में शामिल भी हुए हैं। किस क्षेत्र से किसको उम्मीदवार बनाया जाये इस काम में आरएसएस के लोगों को भी लगाया गया है जिसके कार्यकर्ताओं ने फीडबैक लेने का काम शुरू भी कर दिया है। उत्तर प्रदेश में भाजपा ने बसपा और सपा का गठबंधन होने के बाद अपनी रणनीति में फेरबदल किया है।

 

भाजपा नेता ने बताया कि इसके अलावा पार्टी की यह भी रणनीति है कि उत्तर प्रदेश के कुछ वरिष्ठ मंत्रियों को लोकसभा चुनाव लड़वाया जाये क्योंकि वह अपनी सीट निकालने में सक्षम हैं। उनके मुताबिक 2019 के चुनावों में टिकट का एकमात्र आधार सीट निकालने की क्षमता ही होगा। पार्टी की नजर लोकसभा चुनावों के लिए जिन मंत्रियों पर है उनमें रीता बहुगुणा जोशी, स्वामी प्रसाद मौर्य, श्रीकांत शर्मा, सूर्य प्रताप शाही, सतीश महाना और चेतन चौहान शामिल हैं।

 

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