निकाय चुनाव से पहले गुजरात में बढ़ी भाजपा की परेशानी, टिकट ना मिल पाने से कई कार्यकर्ता नाराज

By अंकित सिंह | Feb 06, 2021

गुजरात भाजपा के संसदीय बोर्ड ने 21 फरवरी को होने वाले छह नगर निगमों के चुनाव के लिये अपने उम्मीदवारों के नाम तय कर लिये हैं। निकाय चुनाव के लिए उम्मीदवारों के ऐलान के बाद से भाजपा में घमासान मचा हुआ है। जैसे ही भाजपा ने सभी सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की उसके बाद से लिस्ट को लेकर कई कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया। राजकोट, अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत के भाजपा दफ्तरों में आरोप-प्रत्यारोप और हंगामे का दौर लगातार चलता रहा। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता टिकट नहीं मिलने के कारण नाराज चल रहे हैं। आलम यह है कि सूरत में भाजपा के कई कार्यकर्ताओं ने पार्टी मुख्यालय के साथ-साथ राज्य के अध्यक्ष सीआर पाटील के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

 

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कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि टिकट या तो बाहरी लोगों को दिए गए हैं या फिर अलग वार्ड के लोगों को दिए गए हैं। इतना ही नहीं, कार्यकर्ताओं ने तो यहां तक दावा कर दिया कि जो अन्य राज्यों के हैं उन्हें भी टिकट दे दिया गया है। कार्यकर्ता विरोध करने के लिए सड़क पर बैठ गए। इन सबके बीच उत्तर प्रदेश के एक के प्रवासी नेता जो वहां पूर्वांचल के लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं, उन्होंने टिकट नहीं मिलने के बाद नाराजगी जताई और पार्टी से इस्तीफा दे दिया। वडोदरा में तो नाराज कार्यकर्ताओं ने पार्टी के लिए प्रचार नहीं करने तक की धमकी दे दी है। पार्टी कार्यालय के बाहर लगातार प्रदर्शन जारी है। नेताओं ने तो अपना इस्तीफा तक दे दिया है। 

 

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वडोदरा भाजपा के महासचिव सुनील सोलंकी ने कहा कि इस बार कुछ लोगों में नाराजगी जरूर दिखाई दे रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कई नए लोग हम से जुड़े हैं और हमारी संख्या ज्यादा हुई है। हम आने वाले समय में सभी को एक साथ लाने में कामयाब हो जाएंगे। अहमदाबाद में भी पार्टी कार्यालय पर लगभग सैकड़ों कार्यकर्ता पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। आनन-फानन में राज्य के गृह मंत्री प्रदीप जाडेजा को वहां पहुंचना पड़ा। काफी समझाने बुझाने के बाद लोग थोड़े शांत हुए और बातचीत करने को तैयार हुए। कार्यकर्ता लगातार कह रहे हैं कि उन्हें पैराशूट उम्मीदवार नहीं चाहिए। जामनगर में भी कई कार्यकर्ताओं में भारी विरोध देखने को मिल रहा है। आलम यह है कि 5 बार भाजपा के कॉरपोरेटर करशन करमुर जो कि जामनगर के डिप्टी मेयर तक रह चुके हैं वह नाराज होकर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए।  

 

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इन सबके बीच भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष सी आर पाटिल की ओर से साफ कर दिया गया है कि गुजरात में भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ताओं की संख्या 1,14 करोड़ है। ऐसे में युवाओं को मौका देना जरूरी है। उन्होंने कहा, यहां तक कि पूर्व महापौरों को भी टिकट नहीं देने का फैसला किया गया है। हमारे सभी नेताओं तथा कार्यकर्ताओं ने इस फैसले का स्वागत किया है और वरिष्ठ नेताओं ने बिना किसी झिझक के युवाओं को रास्ता देने की बात कही है। यह भाजपा की विशेषता है।

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