By Prabhasakshi News Desk | Feb 11, 2025
मुंबई । बंबई उच्च न्यायालय ने अदाणी समूह को शहर और उपनगरों में बिजली आपूर्ति बढ़ाने के लिए प्रस्तावित उच्च वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइन के निर्माण के लिए 209 मैंग्रोव काटने की अनुमति दे दी है। अदालत ने कहा कि यह सार्वजनिक महत्व की परियोजना है। मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की खंडपीठ ने छह फरवरी को अपने आदेश में कहा कि बिजली पारेषण लाइन निर्माण परियोजना मुंबई के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि ट्रांसमिशन कॉरिडोर की मौजूदा क्षमता शहर में और अधिक बिजली पहुंचाने के लिए पर्याप्त नहीं है।
उच्च न्यायालय ने अदाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई इन्फ्रा लिमिटेड द्वारा दायर याचिका को अनुमति दे दी, जिसमें उसके दो ट्रांसमिशन सबस्टेशन के बीच हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट (एचवीडीसी) लिंक स्थापित करने के वास्ते वसई क्रीक के पास 209 मैंग्रोव को काटने की अनुमति मांगी गई थी। इस परियोजना में 80 किलोमीटर का हिस्सा शामिल है, जिसमें से 30 किलोमीटर अतिरिक्त पारेषण लाइन होगी और शेष 50 किलोमीटर मैंग्रोव क्षेत्र में भूमिगत केबल होगी।
एचवीडीसी लाइनें मुंबई, ठाणे और पालघर जिलों से होकर गुजरेंगी। याचिकाकर्ता कंपनी के अनुसार, एचवीडीसी का केवल एक किलोमीटर हिस्सा मैंग्रोव क्षेत्रों से होकर गुजरता है। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि सतत विकास की आवश्यकता और पर्यावरण को बनाए रखने की आवश्यकता के बीच संतुलन बनाया जाना चाहिए। अदालत ने कहा, ‘‘एचवीडीसी परियोजना मुंबई और उपनगर को अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति करने में सक्षम होगी और शहर की बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करेगी।