Kargil प्रकरण से ही Musharraf और Sharif के बीच टकराव पैदा हुआ: किताब

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 05, 2023

वर्ष 1999 में ‘‘करगिल युद्ध’’ ही पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल (सेवानिवृत्त) परवेज मुशर्रफ और तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच दरार पैदा होने का कारण बना था, क्योंकि उन्होंने (शरीफ ने) खुद को पाक-साफ दिखाने के लिए इसके बारे में किसी भी तरह की जानकारी होने से इनकार कर दिया था। पूर्व सैन्य शासक द्वारा लिखित एक किताब से यह जानकारी मिली है। मुर्शरफ द्वारा लिखी गई किताब ‘इन द लाइन ऑफ फायर: ए मेमॉयर’ पहली बार 25 सितंबर, 2006 को प्रकाशित हुई थी।

मुशर्रफ का रविवार को लंबी बीमारी के बाद दुबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। मुर्शरफ ने करगिल युद्ध के बारे में इस किताब में लिखा है। उन्होंने लिखा है, ‘‘सेना द्वारा नवाज शरीफ के खिलाफ अभियान छेड़े जाने से पहले मैं केवल एक साल के लिए सेना प्रमुख था। दो प्रमुख जनरल की बर्खास्तगी, दो लेफ्टिनेंट जनरल की नियुक्ति और राजद्रोह के लिए एक पत्रकार का कोर्ट-मार्शल करने के अनुरोध पर कुछ असहमति को छोड़कर शुरुआत में उनके साथ मेरे कामकाजी संबंध बहुत बेहतर थे।’’ मुशर्रफ ने लिखा है कि वह उनके काम करने के तरीके से काफी चकित थे।

उन्होंने लिखा, ‘‘मैंने उन्हें कभी कुछ पढ़ते या लिखते नहीं देखा।’’ उन्होंने किताब में दावा किया है, ‘‘करगिल प्रकरण ने सबसे बड़ा विभाजन पैदा किया। हम दोनों राजनीतिक और सैन्य रूप से कश्मीर को दुनिया की नजरों में मजबूती के साथ लाना चाहते थे। करगिल प्रकरण से ऐसा (संभव) हो पाया था।’’ उन्होंने लिखा कि जब बाहरी राजनीतिक दबाव के कारण शरीफ को संघर्ष विराम के लिए सहमत होना पड़ा तो वह मायूस हो गये थे। उन्होंने किताब में लिखा है, ‘‘राष्ट्रीय एकजुटता के जरिये ताकत दिखाने के बजाय उन्होंने (शरीफ ने) सेना को दोषी ठहराया और खुद को पाक-साफ दिखने की कोशिश की।’’

मुशर्रफ ने लिखा, ‘‘उन्होंने सोचा कि अगर वह (शरीफ) करगिल अभियान के बारे में कोई भी जानकारी होने से इनकार करते हैं तो वह अधिक सुरक्षित होंगे।’’ मुशर्रफ ने किताब में लिखा है कि करगिल प्रकरण की वजह से शरीफ ने खुद को सेना के साथ टकराव के रास्ते पर खड़ा कर लिया। उन्होंने लिखा, ‘‘चार जुलाई को संघर्ष विराम हुआ और अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ बातचीत की। संघर्ष विराम के लिए बहुत अंतरराष्ट्रीय दबाव था। राष्ट्रपति क्लिंटन का पाकिस्तान और भारत दोनों में प्रभाव था। शरीफ बिना शर्त वापसी पर सहमत हुए और उन्होंने सैन्य स्थिति के बारे में गलत बातें प्रचारित की।’’

मुशर्रफ ने ही करगिल युद्ध की साजिश रची थी, जो महीनों तक चला था। इस युद्ध से कुछ महीने पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत के अपने समकक्ष अटल बिहारी वाजपेयी के साथ लाहौर में ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये थे। करगिल में मिली नाकामी के बाद मुशर्रफ ने 1999 में तख्तापलट कर तत्कालीन प्रधानमंत्री शरीफ को अपदस्थ कर दिया था और 1999 से 2008 तक विभिन्न पदों पर रहते हुए पाकिस्तान पर शासन किया था।

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