संसद के दोनों सदनों में भारी हंगामा, कार्यवाही शुरू होते ही सदन स्थगित

By नीरज कुमार दुबे | Mar 12, 2018

संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होते ही आज भारी हंगामा हुआ जिसके चलते कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा की कार्यवाही दोपवहर दो बजे तक और लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत पांच मार्च से हुई थी लेकिन तब से एक दिन भी सदन की कार्यवाही नहीं चल पा रही है। विपक्ष की मांग है कि पंजाब नेशनल बैंक घोटाला मामले में कार्य स्थगन कर मत विभाजन के नियम के तहत चर्चा की जाये। इसके अलावा किसानों का मुद्दा और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे की मांग का मुद्दा भी गरमाया हुआ है।

 


आंध्र को विशेष दर्जे की मांग, पीएनबी मामले पर हंगामे के कारण लोकसभा में छठे दिन भी नहीं हुआ कामकाज

आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जे की मांग, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले और कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग सहित अलग अलग मुद्दों पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा), वाईएसआर कांग्रेस और अन्नाद्रमुक आदि दलों के भारी हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही आज एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी। बजट सत्र के दूसरे चरण में पहले पांच दिन की कार्यवाही इन्हीं मुद्दों पर हंगामे की भेंट चढ़ चुकी है। सप्ताहांत के बाद आज छठे दिन भी इन विषयों पर सदस्यों की नारेबाजी के कारण कामकाज नहीं हो सका।

 

भारी हंगामे के कारण एक बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे फिर शुरू हुई तो तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, टीआरएस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य अपने अपने मुद्दों पर नारेबाजी करते हुए आसन के समीप आ गये। कांग्रेस और वाम दलों के सदस्य अपने स्थानों पर खड़े होकर विरोध दर्ज करा रहे थे। तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य पिछले सप्ताह की तरह आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे थे। उधर तृणमूल कांग्रेस के सांसद आसन के पास आकर पीएनबी धोखाधड़ी मामले पर नारेबाजी कर रहे थे। कांग्रेस के सांसद भी अपने स्थान पर खड़े होकर उनका समर्थन कर रहे थे।

 

तेदेपा के अशोक गजपति राजू भी आज अपने दल के साथियों के साथ पीला पट्टा पहनकर आसन के समीप खड़े थे। उन्होंने और इसी दल के वाई एस चौधरी ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पूरी नहीं होने पर पिछले सप्ताह ही केंद्रीय मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दिया था। हमेशा ही अलग अलग तरीके से विरोध दर्ज कराने वाले तेदेपा सांसद एन शिवप्रसाद आज शहनाई जैसा वाद्ययंत्र लेकर सदन में पहुंचे थे।

 

अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड बनाने की मांग कर रहे थे तो तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्य अपने राज्य में आरक्षण कोटा बढ़ाने की मांग उठा रहे थे। इन दोनों दलों के सभी सांसद भी आसन के समीप नारेबाजी कर रहे थे। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भारी हंगामे के बीच आवश्यक कागजात पेश कराये। वित्त राज्यमंत्री शिवप्रताप शुक्ला ने इस बीच चिटफंड (संशोधन) विधेयक, 2018 और भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक, 2018 पेश किये।

 

हंगामा थमता नहीं देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले, सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर अध्यक्ष ने जैसे ही प्रश्नकाल आरंभ करने को कहा, वैसे ही तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस, टीआरएस, अन्नाद्रमुक और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य अपने अपने मुद्दों पर नारेबाजी करते हुए आसन के समीप आ गये थे और हंगामा थमता नहीं देख अध्यक्ष ने कुछ ही मिनट बाद बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी। इन्हीं मुद्दों को लेकर गत पूरे सप्ताह सदन में कामकाज नहीं हो सका।

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