आप के टिकट पर छतरपुर सीट से ताल ठोकेंगे Brahm Singh Tanwar, लगभग दो महीने पहले ही छोड़ा है बीजेपी का साथ

By Prabhasakshi News Desk | Dec 27, 2024

भले ही अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी भले ही दिल्ली की सत्ता पर पिछले 10 साल से पूर्ण बहुमत के साथ काबिज है, मगर कुछ सीटों को लेकर उसे डर सता रहा है। यही कारण है कि आप अगले साल फरवरी में होने जा रहे दिल्ली विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर कमजोर कड़ियों को मजबूत करने में लगी हुई है। सीलमपुर से मजबूत कांग्रेस नेता को कुछ दिन पहले पार्टी में शामिल कराए जाने के बाद दक्षिणी दिल्ली सीट से तीन बार विधायक रहे भाजपा नेता ब्रह्म सिंह तंवर को अक्तूबर में अपनी पार्टी में शामिल करके केजरीवाल ने टिकट दे दिया है।


छतरपुर में केजरीवाल को चाहिए था मजबूत उम्मीदवार

दिल्ली विधानसभा क्षेत्र की छतरपुर सीट से छह माह पहले भाजपा ने उस समय के तत्कालीन विधायक करतार सिंह तंवर को तोड़ लिया था। तंवर ने आप और विधायक पद से इस्तीफा देकर भाजपा ज्वाइन कर ली थी। इस सीट पर आप को मजबूत प्रत्याशी की कमी खल रही थी। ब्रह्म सिंह तंवर के पार्टी में शामिल होने पर आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने कहा कि तंवर दिल्ली के एक प्रमुख नेता हैं, जो छतरपुर और महरौली निर्वाचन क्षेत्रों से तीन बार विधायक रह चुके हैं। उनके शामिल होने से आप और मजबूत होगी। वहीं तंवर ने कहा कि वह केजरीवाल की कार्यशैली और लोगों की सेवा के प्रति उत्साह से प्रभावित हैं और उन्होंने आप के लिए समर्पण के साथ काम करने का वादा किया।


जानिए कौन हैं तंवर

छतरपुर सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार ब्रह्म सिंह तंवर तीन बार विधायक रह चुके हैं। वे एक बार दिल्ली के एक वार्ड के पार्षद भी रह चुके हैं। उनका छतरपुर और महरौली इलाके में वजूद माना जा रहा है। उन्हें दिल्ली भाजपा का कद्दावर नेता माना जाता था। वे पार्टी की स्थापना के समय से जुड़े थे और आपातकाल के दौरान जेल जा चुके हैं। उन्होंने 1977 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पहला चुनाव लड़ा और पार्षद चुने गए।


करतार सिंह तंवर ने आप सरकार में पूर्व मंत्री राज कुमार आनंद के साथ भाजपा ज्वाइन कर ली थी। करतार सिंह तंवर 2020 के विधानसभा चुनाव में आप के टिकट पर चुने गए थे। वे दिल्ली जल बोर्ड में एक जूनियर इंजीनियर थे। उन्होंने 2007 में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। आप से पहले वह भाजपा में थे। इस तरह एक तरह से उन्होंने घर वापसी की है। वह दिल्ली नगर निगम में पार्षद भी रह चुके हैं। दोनों तंवर के चलते आगामी विधानसभा चुनाव में छतरपुर सीट पर मुकाबला कांटे का होने की उम्मीद जताई जा रही है।

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