By अभिनय आकाश | Jul 25, 2025
भारत के प्रधानमंत्री अपना ब्रिटेन का दौरा समाप्त करने के बाद इस वक्त मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की मेजबानी का आनंद उठा रहे हैं। लेकिन पीएम मोदी की ब्रिटेन यात्रा का एक वाक्या सोशल मीडिया से लेकर ब्रिटिश मीडिया तक की सुर्खियों में है। भारत और ब्रिटेन के बीच 3 सालों की 14 दौर की लंबी बातचीत के बाद फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बीते दिनों हस्ताक्षर हो गए। जिसके बाद दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने अपनी बात रखने और इस डील के बारे में मीडिया को बताने के लिए ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस भी रखी। लेकिन जब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर बोल रहे थे तो इस दौरान एक ऐसा पल जब प्रधानमंत्री मोदी ने न सिर्फ प्रेस कॉन्फ्रेंस को संभाला बल्कि एक अंग्रेज देश का दिल भी जीत लिया। दरअसल, भारत और ब्रिटेन के बीच बहुप्रतिक्षित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर आखिरकार साइन हो गया। लंदन में दोनों देशों के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कीर स्टार्मर की मौजूदगी में ये ऐतिहासिक समझौता हुआ। इस समझौते से व्यापार निवेश और रणनीतिक साझेदारी के नए रास्ते खुलेंगे। लेकिन इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कुछ ऐसा हुआ जो इंटरनेट पर वायरल हो गया।
ट्रेड डील के फायदों के बार में बताते हुए ब्रिटिश पीएम ने कहा कि ये ग्राहकों के लिए अच्छा होगा क्योंकि इससे यूके में भारतीय सामान सस्ता होगा। जैसे कपड़े, जूते, खाना इसे लंबे समय तक एफटीए से फायदा मिलेगा। हर साल यूके की अर्थव्यवस्था को चार दशमलव आठ बिलियन पाउंड का फायदा होगा। हम यहां लोगों के वेतन के लिए दो दशमलव दो बिलियन पाउंड दे सकेंगे और लाखों पाउंड हर जगह विकास के लिए भेजे जा सकेंगे। और ये... सॉरी मुझे माफ कीजिएगा। जब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर बोल रहे थे तो उनका लंबा और थोड़ा तकनीकी भाषण चल रहा था। इस भाषण को हिंदी में ट्रांसलेट कर रही महिला ट्रांसलेटर शुरू में तो साथ चलती रही। लेकिन अचानक एक लंबा वाक्य आया और वो भी बीच में अटक गई। उनके चेहरे पर घबराहट साफ दिखी थी। उन्होंने तुरंत दोनों प्रधानमंत्रियों से माफी मांगी।
इस दौरान अपनी चूक से घबराई ट्रांसलेटर का साहस बढ़ाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोई बात नहीं हम बीच बीच में अंग्रेजी के शब्दों का प्रयोग कर लेते हैं। जिस पर मुस्कुराते हुए स्टार्मर ने कहा कि माफ कीजिए क्या मैं दोबारा बोलूं। मुझे लगता है कि हम एक दूसरे को बखूबी समझते हैं। सोचिए जहां ऐसी स्थिति में कुछ नेता गुस्सा हो जाते हैं या असहजता दिखाते हैं वहीं पीएम मोदी ने अपने विनम्र और सहज व्यवहार से न सिर्फ माहौल को हल्का किया बल्कि एक सॉफ्ट डिप्लोमैटिक मैसेज भी दिया। ये एक लीडर का असली चेहरा था जो तकनीकी मुद्दों को नजरअंदाज कर सकता है। जो अपने सामने वाले को सहज महसूस करवा सकता है और इंडिया फर्स्ट विद ह्यूमैनिटी की भावना को जमीनी स्तर पर लागू करता है।