हाई स्पीड रेल नेटवर्क पर काम कर रही सरकार, दिल्ली से आगरा के बीच हर 60 मिनट पर चलेगी बुलेट ट्रेन

By अभिनय आकाश | Nov 23, 2021

 केंद्र सरकार लगातार हाई स्पीड रेल नेटवर्क पर काम कर रही है। इसी दिशा में आने वाले 2029-30 में दिल्ली से आगरहा के बीच हर 60 मिनट में एक बुलेट ट्रेन दौड़ाने की योजना है। इससे अलावा दिल्ली से वारणसी के बीच के सफर के टाइम को भी कम करने की योजना पर काम हो रहा है। दिल्ली से वाराणसी कॉरिडोर के बीच स्टेशनों की संख्या 12 होगी। पूरी परियोजना की कीमत 2.28 लाख करोड़ रुपये बताई जा रही है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के के हवाले से एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। जिसके अनुसार दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल (एचएसआर) या बुलेट ट्रेन परियोजना 958 किमी लंबी होगी, जिसमें लखनऊ को अयोध्या से जोड़ने वाली 123 किमी की दूरी भी शामिल है। अगर सब कुछ सरकारी योजना के अनुसार हुआ, तो 2029-30 तक दिल्ली से आगरा और आगरा से दिल्ली तक हर घंटे 300 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बुलेट ट्रेन दौड़ने लगेगी। कॉरिडोर सुरक्षा आवश्यकता को देखते हुए पूरा कॉरिडोर एलिवेटेड स्ट्रेच और सुरंगों का मिश्रण होगा।  इसमें 12 स्टेशन होंगे और यह मथुरा, अयोध्या, प्रयागराज और वाराणसी सहित सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों को जोड़ेगा। जेवर हवाई अड्डे पर भी एक भूमिगत स्टेशन होगा। कुल परियोजना की लागत 2.28 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है।

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 दिल्ली से वाराणसी पहुंचने में तीन घंटे तक समय बचेगा

अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना को लागू करने वाले नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचआरएससीएल) द्वारा तैयार डीपीआर के अनुसार बुलेट ट्रेन दिल्ली और आगरा के बीच एक दिन में 63 फेरे लगाएंगी। वहीं दिल्ली और लखनऊ के बीच प्रतिदिन 43 ट्रिप और दिल्ली और वाराणसी के बीच रोजाना 18 ट्रिप लगाआ जाएगी। अयोध्या को लेकर डीपीआर ने प्रति दिन 11 ट्रिप का अनुमान लगाया है। फिलहाल ट्रेन से दिल्ली से वाराणसी पहुंचने में करीब 11-12 घंटे लगते हैं। प्रस्तावित बुलेट ट्रेन इस यात्रा के समय को तीन घंटे तक कम कर देगी।

अयोध्या को विश्व पर्यटन मैप पर लाने का प्रयास

पूर्वी उत्तर प्रदेश के दिल वाराणसी के लिए हाई स्पीड रेल कनेक्टिविटी इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि वर्तमान सरकार विश्व स्तर के बुनियादी ढांचे का निर्माण करके पूर्वांचल के प्रोफाइल को बदलने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार अयोध्या को विश्व पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए प्रयास कर रही है और उच्च गति कनेक्टिविटी पर्यटकों को पवित्र शहर में लाने के लिए उत्प्रेरक होगी।

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