By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 16, 2023
अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में सीआईआई का कारोबारी भरोसा सूचकांक पिछले दो साल के अपने उच्चस्तर 67.6 पर पहुंच गया, जबकि सितंबर तिमाही में यह 62.2 रहा था। उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने रविवार को इस सूचकांक के नवीनतम आंकड़े जारी करते हुए कहा कि पिछली तिमाही में बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत के एक‘बेहतर स्थान’ होने की उम्मीद बनी रही। सीआईआई ने कहा कि आसन्न मंदी और भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव को लेकर बनी चिंताओं के कम होने से सूचकांक के मूल्य में तेज सुधार हुआ।
यह सूचकांक देश के सभी उद्योग क्षेत्रों और इलाकों में अलग-अलग आकार की 120 से अधिक कंपनियों के बीच कराए गए सर्वेक्षण पर आधारित है। हालांकि, सर्वेक्षण में शामिल लगभग 70 प्रतिशत प्रतिभागियों का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत से 7.5 प्रतिशत के दायरे में बढ़ेगी जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 8.7 प्रतिशत था। उद्योग मंडल ने कहा, ‘‘विपरीत वैश्विक परिस्थितियों के कारण आने वाले समय में वृद्धि में और नरमी आने की उम्मीद है। ऐसी स्थिति में वृद्धि को समर्थन देने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि रिजर्व बैंक ब्याज दरों को आगे बढ़ाने से परहेज करे।’’
चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के पहले अग्रिम अनुमान में इसके सात प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। सर्वेक्षण में शामिल लगभग आधे प्रतिभागियों (47 प्रतिशत) ने कहा है कि आरबीआई द्वारा नीतिगत ब्याज दरों में वृद्धि का समग्र आर्थिक गतिविधि पर असर पहले ही महसूस होने लगा है। ब्याज दरों ने निजी निवेश स्त पर भी प्रभाव डाला है। सीआईआई ने कहा कि वर्तमान में वृद्धि को समर्थन देने के लिए अधिकांश व्यय सार्वजनिक पूंजी का ही हो रहा है और निजी पूंजीगत व्यय की भूमिका सहयोगी की ही है। सर्वेक्षण के मुताबिक, उच्च उधारी लागत के अलावा बढ़ी हुई अनिश्चितता ने भी कंपनियों को अपनी निवेश योजनाओं पर आगे बढ़ने से रोक दिया है। हालांकि, 90 प्रतिशत कंपनियों ने अगले वित्त वर्ष में हालात बेहतर होने की उम्मीद जताई है।