कृषि निर्यात नीति पर इस सप्ताह विचार कर सकता है मंत्रिमंडल

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 25, 2018

नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल इस सप्ताह प्रस्तावित कृषि निर्यात नीति पर विचार कर सकता है। इस नीति का मकसद कृषि उत्पादों का निर्यात और वैश्विक बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाना है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। वाणिज्य मंत्रालय इस नीति को अंतिम रूप दे चुका है। अब उसने इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास भेजा है।

अधिकारी ने कहा कि प्रस्तावित नीति कृषि निर्यात के सभी पहलुओं पर केंद्रित होगी। इसमें ढांचे का आधुनिकीकरण, उत्पादों का मानकीकरण, नियमनों को तर्कसंगत करना, शोध एवं विकास गतिविधियों पर ध्यान देना, उत्पादन और व्यापार के लिए नियमन और नियमन बनाने को यूरोपीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण की तर्ज पर एजेंसी का गठन शामिल है। 

 

मंत्रालय द्वारा तैयार नीति के मसौदे में स्थिर व्यापार नीति व्यवस्था, कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) कानून में सुधार, मंडी शुल्क को तर्कसंगत बनाना और जमीन के पट्टे को उदार करना शामिल है। इसके तहत 2022 तक देश से कृषि उत्पादों के निर्यात को दोगुना कर 60 अरब डॉलर पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। 

 

प्रस्तावित राष्ट्रीय कृषि निर्यात नीति के तहत यह भी भरोसा दिया जाएगा कि प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद और सभी तरह के जैविक उत्पादों को किसी तरह के निर्यात अंकुश के तहत नहीं लाया जाएगा। इस तरह के अंकुश हैं न्यूनतम निर्यात मूल्य, निर्यात शुल्क या प्रतिबंध। 

 

घरेलू बाजार में कीमतों और उत्पादन में उतार-चढ़ाव के मद्देनजर मौजूदा नियमों का इस्तेमाल मुद्रास्फीति पर अंकुश, किसानों को मूल्य समर्थन और घरेलू उद्योग को संरक्षण जैसे लघु अवधि के लक्ष्यों के लिए किया जाता है। मसौदे में कहा गया है कि इस तरह के फैसलों से घरेलू बाजार में कीमतों में संतुलन तो कायम होता है लेकिन इससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भारत की छवि को आघात पहुंचता है। इसी के मद्देनजर एक स्थिर तथा अनुकूल नीति बनाना जरूरी है।

 

नीति के मसौदे में मजबूत गुणवत्ता व्यवस्था और शोध एवं विकास, नई किस्मों, आधुनिक प्रयोगशालाओं पर भी जोर दिया गया है। देश के वस्तुओं के कुल निर्यात में कृषि उत्पादों का हिस्सा 10 प्रतिशत है। भारत से मुख्य रूप से चाय, कॉफी, चावल, मोटे अनाज, तंबाकू, मसालों, काजू, आयल मील, फलों और सब्जियों, समुद्री उत्पादों, मांस, डेयरी और पॉल्ट्री उत्पादों का निर्यात किया जाता है। वर्ष 2017 में भारत का कृषि निर्यात 31 अरब डॉलर रहा था जो विश्व कृषि व्यापार का मात्र दो प्रतिशत है। 

 

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