Turkey Boycott| CAIT ने व्यापारियों और नागरिकों से की खास अपील, कहा- तुर्की और अज़रबैजान की यात्रा ना करें

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 14, 2025

भारत सरकार ने तुर्की के प्रोपेगैंडा पर बड़ा प्रहार किया है। तुर्की ने जब से पाकिस्तान की मदद की है उसके बाद से ही देश में उसके खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है। भारत में तुर्की के खिलाफ जबरदस्‍त गुस्‍सा है। तुर्की का असली चेहरा अब देश की जनता के सामने आ चुका है। तुर्की के धोखेबाज व्यवहार के बाद देश भर में उसके खिलाफ अलग अलग स्तर पर विरोध हो रहा है।

 

इसी बीच व्यापारियों का संगठन, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने भारतीय व्यापारियों और नागरिकों से तुर्की और अजरबैजान की यात्रा करने का बहिष्कार करने का आह्वान किया है। कन्फेडरेशन ने वर्तमान शत्रुता के बीच पाकिस्तान के लिए तुर्की व अजरबैजान द्वारा किए गए उनके खुले समर्थन के जवाब में ये कदम उठाने को कहा है। 

 

कैट लंबे समय से चीनी उत्पादों के बहिष्कार के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान चला रहा है, जिसका काफी प्रभाव पड़ा है। वहीं अब इस आंदोलन को तुर्की और अजरबैजान तक विस्तारित किया जा रहा है। संगठन इस अभियान को तेज करने के लिए यात्रा एवं टूर ऑपरेटरों तथा अन्य संबंधित हितधारकों के साथ समन्वय करेगा।

 

सीएआईटी के महासचिव और चांदनी चौक से सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बुधवार को यह अपील की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान को समर्थन देने के विरोध में भारतीय नागरिकों द्वारा तुर्की और अजरबैजान की यात्रा का बहिष्कार करना है। भारतय में ये कदम उठाने से तुर्की व अजरबैजान जैसे देशों की अर्थव्यवस्था खासतौर से उनके पर्यटन क्षेत्र पर काफी असर पड़ सकता है।

 

वर्ष 2024 के आंकड़ों का हवाला देते हुए प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि तुर्की में करीब 62.2 मिलियन विदेशी पर्यटक आए, जिनमें से करीब 300,000 पर्यटक अकेले भारत से आए। यह 2023 की तुलना में भारतीय पर्यटकों में 20.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। तुर्की का कुल पर्यटन राजस्व 61.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जिसमें प्रत्येक भारतीय पर्यटक औसतन 972 अमेरिकी डॉलर खर्च करता है, इस प्रकार कुल अनुमानित भारतीय व्यय 291.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर है।

 

उन्होंने कहा कि अगर भारतीय पर्यटक तुर्की का बहिष्कार करते हैं, तो तुर्की को लगभग 291.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर का सीधा नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, भारतीय शादियों, कॉर्पोरेट कार्यक्रमों और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के रद्द होने से अप्रत्यक्ष रूप से और भी अधिक आर्थिक नुकसान होगा।

 

अज़रबैजान के बारे में बोलते हुए, खंडेलवाल ने कहा कि 2024 में, देश में लगभग 2.6 मिलियन विदेशी पर्यटक आए, जिनमें से लगभग 250,000 भारतीय थे। एक भारतीय पर्यटक द्वारा औसत खर्च 2,170 AZN था, जो लगभग 1,276 अमेरिकी डॉलर है, जिससे कुल भारतीय योगदान लगभग 308.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। उन्होंने कहा कि इसलिए भारतीय पर्यटकों द्वारा बहिष्कार से इस परिमाण का प्रत्यक्ष नुकसान हो सकता है।

 

भारतीय यात्री मुख्य रूप से अवकाश, विवाह, मनोरंजन और साहसिक गतिविधियों के लिए अज़रबैजान जाते हैं, इसलिए बड़े पैमाने पर गिरावट से इन क्षेत्रों में उल्लेखनीय आर्थिक मंदी आ सकती है। खंडेलवाल ने कहा कि यह आर्थिक दबाव तुर्की और अज़रबैजान दोनों को भारत के प्रति अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर सकता है। इसके परिणामस्वरूप सांस्कृतिक आदान-प्रदान में कमी आएगी और दोनों देशों में स्थानीय व्यवसायों जैसे होटल, रेस्तरां, टूर ऑपरेटर और अन्य पर्यटन-संबंधी सेवाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

प्रमुख खबरें

Assam में 10.56 लाख वोटर्स के नाम कटे! चुनाव से पहले बड़ा झटका, बदलेंगे सियासी समीकरण?

2026 में बॉक्स ऑफिस पर करोड़ों रुपये का महा-दांव, बॉर्डर 2 से रामायण तक, ये 5 फिल्में मचाएंगी तहलका

Abhishek Banerjee का EC पर सीधा वार: भाजपा का एजेंट, सही लिस्ट छुपा रहा चुनाव आयोग

बड़े लोगों की बातें (व्यंग्य)