आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का आह्वान करते हुए उपराष्ट्रपति नायडू बोले, भारतीय सिद्धांत वैश्विक कल्याण में महत्वपूर्ण साझेदारी से जुड़ा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 27, 2020

नयी दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने महात्मा गांधी की सोच पर आधारित मजबूत एवं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का आह्वान करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि आत्मनिर्भरता के भारतीय सिद्धांत का आशय अति राष्ट्रवाद या संरक्षणवाद से नहीं है बल्कि वैश्विक कल्याण में अधिक महत्वपूर्ण साझेदार बनने से है। उपराष्ट्रपति ने भूदान आंदोलन के प्रणेता संत विनोबा भावे की 125 वीं जयंती के अवसर पर हरिजन सेवक संघ द्वारा आयोजित वेबिनार गांधी इन न्यू इरा- विनोबा जी का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। उन्होंने आने वाले समय में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिये देश के युवाओं की उद्यमशील प्रतिभा का पोषण करने की जरूरत बतायी। आधिकारिक बयान के अनुसार, नायडू ने कहा कि देश को प्रत्येक नागरिक की उद्यमशील प्रतिभा और प्रौद्योगिकी कौशल और स्थानीय संसाधन का उपयोग आत्मनिर्भरता हासिल करने एवं मानवता की सेवा के लिये करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी और विनोबा भावे ने ये दिखा दिया कि जनता की सक्रिय भागीदारी से समाज में स्थायी और सकारात्मक बदलाव लाए जा सकते हैं। 

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महात्मा गांधी के विचारों का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि गांधीजी ने अस्पृश्यता जैसी चुनौतियों से मुकाबला किया। उन्होंने कहा, ‘‘ हम उनकी ईमानदारी, गंभीरता और लोगों के प्रति गहरी करूणा के लिये उनका सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत का स्वतंत्रता आंदोलन सिर्फ राजनीतिक आंदोलन ही नहीं था बल्कि राष्ट्रीय पुनर्जागरण एवं सामाजिक सांस्कृतिक जागृति का आह्वान भी था। उपराष्ट्रपति ने कहा कि गांधीजी ने अवज्ञा में भी सभ्यता का परिचय दिया। भावे को महात्मा गांधी का आदर्श शिष्य बताते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि उन्होंने ‘साझा और सेवा’ के प्राचीन भारतीय लोकाचार को आत्मसात किया। नायडू ने भावे के भूदान आंदोलन और 14 वर्षो में 70 हजार किलोमीटर की पदयात्रा का भी जिक्र कया जिसके फलस्वरूप भूमिहीन किसानों के लिये 42 लाख एकड़ जमीन दान में प्राप्त हुई। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भावे की अपील पर पोचमपल्ली के वी रामचंद रेड्डी पहले व्यक्ति थे जिन्होंने 100 एकड़ जमीन दान स्वरूप दी। कोविड-19 स्वास्थ्य आपात स्थिति का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह चुनौतीपूर्ण समय है और लोगों को साथ आकर वायरस को फैलने से रोकने के लिये गांधीवादी तरीके से एकजुट प्रयास करना चाहिए

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