काबुल। अफगानिस्तान में हिंसा और धोखाधड़ी के दावों के बीच लंबे समय से रुके संसदीय चुनावों के लिए प्रचार अभियान शुक्रवार को शुरू हुआ। हिंसा के कारण अब इस पर बहस होने लगी है कि चुनाव होंगे या नहीं। बीस अक्टूबर को होने वाले चुनाव में 2,500 से ज्यादा उम्मीदवार भाग लेंगे। यह चुनाव अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव का परीक्षण माना जा रहा है और जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र की बैठक के मद्देनजर महत्वपूर्ण साबित होने जा रहा है जहां अफगानिस्तान पर ‘‘लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं’’ पर प्रगति दिखाने का दबाव है। अधिकारियों ने बताया कि 22,000 में से केवल 4,400 जर्मन निर्मित मशीनें अफगानिस्तान में भेजी गई हैं। ज्यादातर सांसद दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन पूर्व सेनापति, उद्यमी और पत्रकार समेत कई लोग पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं।