By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 18, 2020
नयी दिल्ली। प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को कहा कि वायुसेना के लिए 114 लड़ाकू विमानों सहित बड़े सैन्य साजो सामान की खरीद की एक नयी नीति अपनाई जाएगी और घरेलू रक्षा उद्योग को प्रोत्साहित किया जाएगा। जनरल रावत ने कहा कि एक बार में ही बड़े रक्षा सौदे करने से एक अवधि के बाद ये साजो सामान (आगे चल कर) अनुपयोगी हो जाएंगे क्योंकि प्रौद्योगिक काफी तेज गति से आगे बढ़ रही है। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार 114 लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए एक नयी नीति का पालन करेगी, जनरल रावत ने कहा, ‘‘हां। यह नये ढांचे के तहत होगी।’’
इसे भी पढ़ें: CDS जनरल रावत बोले, बदलाव की दहलीज पर हैं भारतीय सशस्त्र बल
सीडीएस ने कहा कि सरकार घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नया रुख अपना रही है क्योंकि आयात पर पूर्ण निर्भरता ‘मेक इन इंडिया’ पहल को आगे नहीं बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि बड़े सौदों के लिए अलग-अलग समय पर चीजों को करने के रुख को अपनाना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम 100 विमान खरीद रहे हैं तो इसे 25-25 के चार पैकेज में करना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यही कारण है कि हमने सिर्फ 36 राफेल विमानों का आर्डर दिया है।’’ हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या सरकार फ्रांस से और अधिक राफेल विमान खरीदेगी।
इस बीच, एक सरकारी बयान के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज सार्वजनिक क्षेत्र की चार पोत निर्माण इकाइयों के साथ एक समीक्षा बैठक की। इसमें इन पीएसयू के वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें कंपनियों की मौजूदा गतिविधियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी दी। सिंह को इन पीएसयू -- गार्डेन रीच शिपबिल्डर्स ऐंड इंजीनियर्स लिमिटेड, गोवा शिपयार्ड लिमिटेड, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लि., और हिंदुस्तान शिपयार्ड लि. -- के कामकाज में सुधार से अवगत कराया गया।