केंद्र सरकार ने राशनकार्ड की अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी की शुरुआत की

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 09, 2019

नयी दिल्ली। देश में अगले साल एक जून तक एक देश, एक राशन कार्ड योजना लागू करने के प्रयास के तहत केंद्र सरकार ने शुक्रवार को राशनकार्ड की अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी की शुरुआत की। इसका आरंभ तेलंगाना-आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र-गुजरात के बीच अंतर-राज्यीय राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी के साथ हुआ है। इसका मतलब यह है कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में रहने वाले लाभार्थी किसी भी एक राज्य के सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) यानी राशन की दुकानों से अपने कोटे का अनाज खरीद सकते हैं। ऐसा ही महाराष्ट्र और गुजरात में हो सकेगा। अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी की शुरुआत करते हुए खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा, ‘‘आज एक ऐतिहासिक दिन है।

इसे भी पढ़ें: लोकसभा ने केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण 2019 को दी मंजूरी

हमने राशन कार्ड की अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी को शुरु किया है और दो राज्यों को जोड़ा बनाया है।’’ उन्होंने कहा कि इन चार राज्यों में राशन कार्ड की राज्य के अंदर और अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी दोनों को सफलतापूर्वक लागू किया जा रहा है। इस बीच, सात राज्य - हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, पंजाब, राजस्थान और त्रिपुरा - वर्तमान में राशन कार्ड की अंतर-पोर्टेबिलिटी का परीक्षण कर रहे हैं, जिसका अर्थ हुआ कि लाभार्थी राज्य के भीतर स्थित किसी भी पीडीएस से अपना राशन का कोटा उठा सकते हैं। विवरण पेश करते हुए खाद्य सचिव रविकांत ने कहा कि धीरे-धीरे राशन कार्ड की अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी को जनवरी 2020 तक उक्त राज्यों में भी लागू किया जाएगा। कांत ने कहा, ‘‘जनवरी 2020 तक, इन 11 राज्यों को एक ग्रिड के रूप में बनाया जाएगा जहां राशन कार्ड को पोर्टेबल बनाया जाएगा।

इसे भी पढ़ें: रामविलास पासवान के छोटे भाई और समस्तीपुर से सांसद रामचंद्र का निधन

इसका मतलब है कि लाभार्थी इन 11 राज्यों में से किसी एक से अपना राशन खरीद सकते हैं।’’ मंत्री ने कहा कि सरकार एक जून, 2020 तक देश भर में  एक राष्ट्र, एक राशनकार्ड  को चालू करने का लक्ष्य बना रही है। यह पूछे जाने पर कि स्टॉक का प्रबंधन कैसे किया जाएगा, पासवान ने कहा, ‘‘कोई समस्या नहीं होगी क्योंकि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों में पर्याप्त भंडार है और उन्हें तीन महीने पहले से ही राशन स्टॉक करने को कहा गया है।’’ एफसीआई के गोदामों को ऑनलाइन कर दिया गया है और राज्यों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने डिपो को जल्द से जल्द ऑनलाइन करें ताकि खाद्यान्नों की आवाजाही पर नज़र रखी जा सके। मंत्री ने खाद्य मंत्रालय के अधिकारियों को यह परीक्षण करने के लिए बीच बीच में यात्रा करने का निर्देश दिया कि अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी ठीक से काम कर रही है।

इसे भी पढ़ें: बोतलबंद पानी अधिक दाम पर बेचे जाने के मामलों को गंभीरता से देख रही है सरकार :पासवान

मौजूदा समय में, सरकार देश में 5,00,000 राशन की दुकानों के माध्यम से 81 करोड़ से अधिक लोगों को प्रति माह 5 किलो सब्सिडी वाले खाद्यान्न की आपूर्ति करती है, जिसकी राजकोष पर लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये सालाना का बोझ आता है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के अनुसार, राशन की दुकानों के माध्यम से खाद्यान्न की आपूर्ति चावल के लिए 3 रुपये प्रति किलोग्राम, गेहूं के लिए 2 रुपये किलो और पीडीएस के माध्यम से मोटे अनाज के लिए एक रुपये किलो की दर से आपूर्ति की जाती है।

प्रमुख खबरें

पुलवामा हमले के वक्त Modi फिल्म की शूटिंग करने में व्यस्त थे : Farooq Abdullah

South China Sea में परिचालन संबंधी तैनाती के लिए भारतीय नौसेना के तीन पोत Singapore पहुंचे

China के राष्ट्रपति ने वरिष्ठ राजनयिक Xu Feihong को भारत में अपना नया राजदूत नियुक्त किया

Sikh अलगाववादी नेता की हत्या की कथित साजिश में भारत की जांच के नतीजों का इंतजार : America