पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव को भेजा गया केन्द्र का नोटिस अवैध: तृणमूल कांग्रेस
By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 01, 2021
कोलकाता।
तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि अभी हाल ही में सेवानिवृत्त हुए
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव
अलपन बंदोपाध्याय को केन्द्र की ओर से भेजा गया कारण बताओ नोटिस अवैध है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद
सुखेंदु शेखर रॉय ने आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 (बी) के उल्लंघन के लिये भेजे गए नोटिस को ‘अमान्य’ बताते हुए कहा कि किसी प्रावधान के उल्लंघन का सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने ट्वीट किया, बंगाल के पूर्व सचिव को भेजा गया कारण बताओ नोटिस सिरे से अमान्य है, क्योंकि उन्हें आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 (ए) या (बी) के तहत कोई निर्देश जारी ही नहीं किया गया था। लिहाजा, उल्लंघन का सवाल ही नहीं पैदा होता। प्रतिशोध की ऐसी शर्मनाक हरकतें करना बंद कीजिये।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केन्द्र और ममता बनर्जी सरकार के बीच बंदोपाध्याय को लेकर जारी वाकयुद्ध के बीच उन्हें कठोर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत नोटिस जारी किया है। इस मामले में दोष सिद्ध होने पर उन्हें दो साल तक कैद की सजा हो सकती है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि बंदोपाध्याय को सेवानिवृत्ति से कुछ घंटे पहले, सोमवार को केंद्र सरकार के आदेश का पालन करने से इंकार करने की वजह से नोटिस जारी किया गया। अधिकारी के अनुसार, केंद्र सरकार के आदेश का पालन से इंकार करना आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51-बी का उल्लंघन होता है। मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि बंदोपाध्याय से तीन दिन के अंदर नोटिस का जवाब देने को कहा गया है। रॉय ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा, नोटिस अवैध है। मुख्य सचिव के खिलाफ इस तरह आपदा प्रबंधन अधिनियम नहीं लगाया जा सकता।
हालांकि, पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष भाजपा के शुभेंदु अधिकारी ने अनुशासन तोड़ने और नियमों के उल्लंघन के लिये बंदोपाध्याय के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने ट्वीट किया, मैं प्राकृतिक आपदा और वैश्विक महामारी के समय में अनुशासन तोड़ने, नियमों के उल्लंघन और अनियमितताओं के लिये पूर्व मुख्य सचिव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करता हूं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा राज्यसभा सदस्य प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि मुख्य सचिव केन्द्र और राज्य के बीच जारी टकराव से उपजे हालात का शिकार हुए हैं। उन्होंने कहा, अलपन बंदोपाध्याय परिस्थितियों का शिकार हुए हैं। यह ठीक नहीं है। इससे पहले, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने बंदोपाध्याय को सोमवार तक दिल्ली पहुंचने का निर्देश दिया था। केन्द्र ने बंदोपाध्याय को दिल्ली बुलाने का आदेश चक्रवाती तूफान ‘‘यास’’ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बैठक में नहीं रुकने के लिये दिया था। हालांकि वह दिल्ली नहीं आए और राज्य व केन्द्र सरकार द्वारा तीन महीने का सेवा विस्तार स्वीकार करने के बजाय उन्होंने सेवानिवृत्त होने का फैसला लिया।