चंद्रग्रहण को लेकर क्या मन में कोई आशंका है ? जानना चाहेंगे इस बार का Lunar Eclipse क्यों खास है ?

By शुभा दुबे | May 24, 2021

देश महामारी के बुरे दौर से गुजर रहा है। कोरोना संक्रमण के अलावा ब्लैक फंगस के मामलों ने लोगों का जीना मुहाल किया हुआ है उस पर से चक्रवात भी आते जा रहे हैं। पता नहीं ईश्वर या प्रकृति के मन में क्या चल रहा है। यह दौर ऐसा है जब सभी का मन तमाम आशंकाओं से भरा रहता है ऐसे में लोगों के मन में अब यह डर भी पैदा हो रहा है कि कहीं इस साल 26 मई को होने वाले चंद्रग्रहण का तो कोई नकारात्मक असर जीवन पर नहीं पड़ेगा। लोग पंडितों-पुरोहितों को फोन कर राहत के उपाय पूछने लग गये हैं, अपनी जन्म कुंडली के ग्रहों के बारे में विद्वानों से विश्लेषण कराने लगे हैं। लोगों के इसी डर का लाभ कुछ लोग उठा भी रहे हैं।

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यहाँ सबसे पहला सवाल हमें स्वयं से पूछना चाहिए कि क्या हमने इस बात की पुष्टि की कि चंद्रग्रहण का कोई असर भारत पर भी होगा ? तो इसका जवाब है- नहीं चंद्रग्रहण का भारत पर कोई असर नहीं होगा और यह भारत में अधिकांश हिस्सों में दिखेगा भी नहीं। इस साल का पहला चंद्रग्रहण 26 मई 2021 को पड़ेगा और यह प्रशांत महासागर के मध्य, ऑस्ट्रेलिया, एशिया के पूर्वी तट और अमेरिका के पश्चिमी तट में ही दिखाई देगा। इसके अलावा चंद्र ग्रहण अमेरिका के पूर्वी हिस्से से भी दिखेगा लेकिन बताया जा रहा है कि यहां से सिर्फ आरंभिक चरण का ही चंद्रग्रहण नजर आएगा।


इस बार का चंद्रग्रहण खास परिघटना क्यों है?


सबसे पहले हमें यह समझना होगा कि चंद्रग्रहण होता क्या है। तो आपको बता दें कि जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में पूरी तरह या आंशिक रूप से छिप जाता है तो उसे चंद्रग्रहण कहा जाता है और यह परिघटना पूर्णिमा के दौरान होती है। 26 मई को पड़ने वाले चंद्रग्रहण को सुपरमून इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि चक्कर काटते समय चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक होगा। कुछ लोग यह सवाल भी पूछते हैं कि चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा लाल ही क्यों दिखता है तो इसका उत्तर यह है कि जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में पूरी तरह ढंक जाता है तो सब ओर अंधेरा छा जाता है लेकिन इस दौरान वह स्याह नहीं दिख कर लाल रंग का दिखता है इसलिए भी पूर्ण चंद्रग्रहण को रक्त चंद्रमा या लाल चंद्रमा भी कहा जाता है।

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जहाँ तक भारत की बात है तो खगोल विज्ञानियों का मानना है कि पूरब में 26 मई की शाम को आसमान पर पूर्ण चंद्रग्रहण के बाद दुर्लभ विशाल और सुर्ख चंद्रमा नजर आएगा। भारत में 26 मई की रात को सूर्य और धरती तथा चंद्रमा इस तरह से एक सीध में होंगे कि धरती से यह पूर्ण चंद्रमा के रूप में नजर आएगा और कुछ समय के लिए इस पर ग्रहण भी लगा होगा। चंद्रमा धरती के आस-पास चक्कर लगाता हुआ कुछ पल के लिए धरती की छाया से गुजरेगा और पूरी तरह से इस पर ग्रहण लग जाएगा। चंद्रमा पर आंशिक ग्रहण दोपहर में करीब सवा तीन बजे शुरू होगा और शाम को छह बजकर 22 मिनट पर यह समाप्त हो जायेगा।


भारत में कुछ जगह ही पल भर की दिखेगी झलक


खगोल विज्ञानी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि भारत के अधिकांश हिस्सों में पूर्ण ग्रहण के दौरान चंद्रमा पूर्वी क्षितिज से नीचे होगा और इसलिए देश के लोग इसे नहीं देख पाएंगे। लेकिन पूर्वी भारत में कुछ जगह लोग आंशिक चंद्रग्रहण का आखिरी हिस्सा ही देख पाएंगे, वह भी पूर्वी आसमान से बहुत करीब, जब चंद्रमा निकल ही रहा होगा। 26 मई की शाम कोलकाता में चंद्रमा शाम सवा छह बजे निकलेगा और दिलचस्पी रखने वाले लोगों को आंशिक चंद्रग्रहण की कुछ मिनट तक झलक मिलेगी जो छह बजकर 22 मिनट पर समाप्त हो जाएगा।


-शुभा दुबे

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