By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 27, 2023
वर्ष 2001 में पद्म भूषण से सम्मानित भारतीय-अमेरिकी स्वदेश चटर्जी ने कहा है कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय जनसंख्या के लिहाज से भले ही छोटा हो, लेकिन उसमें अमेरिका की विदेश नीति में बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की क्षमता है। उत्तर कैरोलाइना निवासी चटर्जी ने भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों में कुछ अहम पड़ावों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिनमें परमाणु परीक्षण के बाद भारत पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटवाना और अमेरिकी संसद में नयी दिल्ली और वाशिंगटन के बीच हुए असैन्य परमाणु समझौते को मंजूरी दिलाना शामिल है।
उन्होंने बुधवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि भारत-अमेरिका संबंध अभी सिर्फ सतही स्तर पर हैं और स्वच्छ ऊर्जा, वैश्विक स्वास्थ्य एवं नवाचार सहित कई अन्य प्रमुख क्षेत्रों में दोनों देशों के लिए एक-दूसरे का सहयोग करने की अपार संभावनाएं हैं। चटर्जी ने कहा, “आज यह भारतीय-अमेरिकी समुदाय है, हालांकि, यह छोटा है, लेकिन यह राजनीतिक रूप से इतना शक्तिशाली है कि वास्तव में अमेरिका की विदेश नीति, और यहां तक कि भारत के संबंध में उसकी नीति को बदलने की क्षमता रखता है।
यह भारतीय-अमेरिकी समुदाय के बढ़ते दबदबे का सूचक है और आप सभी को इस पर गर्व होना चाहिए।” उन्होंने कहा, “हमें बहुत मेहनत करनी चाहिए। काम अभी शुरू हुआ है। भारत और हमारे बीच गलतफहमियां होंगी, चुनौतियां होंगी। जैसा कि आप अच्छी तरह से जानते हैं कि जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, तो भारत ने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका का समर्थन नहीं किया। बहुत सारे लोगों को यह रुख नागवार गुजरा? लेकिन, भारत और अमेरिका के संबंध हमेशा ‘ऑटो पायलट मोड’ पर नहीं हो सकते। उनके समक्ष चुनौतियां आना लाजिमी है।