दक्षिणी ध्रुव पर पहला स्थाई हवाईअड्डा बनायेगा चीन

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 30, 2018

बीजिंग। चीन दक्षिणी ध्रुव में देश के पहले स्थाई हवाईअड्डे का निर्माण करेगा। यह हवाईअड्डा वैज्ञानिकों को साजो सामान उपलब्ध करायेगा और इससे संसाधन-संपन्न अंटार्कटिक में हवाईक्षेत्र प्रबंधन में सुधार होगा। मंगलवार को आधिकारिक मीडिया रिपोर्ट में इस बात की जानकारी मिली। सरकारी अखबार ‘साइंस एंड टेक्नोलॉजी डेली’ की रिपोर्ट के अनुसार इस कार्य के लिये चीन का 35वां अंटार्कटिक अभियान शुक्रवार को रवाना होगा, जिसका प्रमुख कार्य हवाईअड्डे का निर्माण करना होगा। अंटार्कटिक में चीन निर्मित झोंगशान स्टेशन से 28 किलोमीटर दूर बर्फीले क्षेत्र के पास इस हवाईअड्डा के बनने की संभावना है। चीनी वैज्ञानिकों ने 2009 में अंटार्कटिक में 25वें अभियान के दौरान फिक्स्ड विंग विमान के लिये चार किलोमीटर लंबी, 50 मीटर चौड़ी हवाईपट्टी का निर्माण किया था।

 

इस अभियान से चीन अब अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे उन देशों की जमात में शामिल हो रहा है जिनके अंटार्कटिक में हवाईअड्डे हैं। यह स्थान सोना, चांदी, प्लेटिनम और कोयला जैसे प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न है। इससे पहले की आधिकारिक चीनी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 2010 में बर्फीली परत पर चीन ने फीयिंग नामक हवाईअड्डे का निर्माण किया था।सरकारी ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने ‘साइंस एंड टेक्नोलॉजी डेली’ की रिपोर्ट के हवाले से लिखा कि इस हवाईअड्डे के निर्माण से चीन को दक्षिणी ध्रुव पर हवाईक्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण प्राप्त करने में मदद मिलेगी। चीन के ध्रुवीय अनुसंधान संस्थान में ध्रुवीय सामरिक केन्द्र के निदेशक झांग शिया ने ‘ग्लोबल टाइम्स’ को बताया, ‘‘नया हवाईअड्डा मध्यम एवं बड़े विमानों जैसे कि बोइंग विमानों के दक्षिणी ध्रुव से उड़ान भरने और वहां उतरने में मदद करेगा।’’ अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार आर्कटिक सर्किल में दुनिया की करीब 30 प्रतिशत गैस मौजूद है जिसे अभी तक खोजा नहीं गया है।

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