Christopher Columbus Death Anniversary: क्रिस्टोफर कोलंबस को समुद्री यात्राओं का था शौक, ऐसे की थी अमेरिका की खोज

By अनन्या मिश्रा | May 20, 2025

क्रिस्टोफर कोलंबस ने अमेरिका की खोज की थी। आज ही के दिन यानी की 20 मई को क्रिस्टोफर कोलंबस का निधन हो गया था। वह अपनी यात्रा के दौरान अक्तूबर 1492 में वह समुद्र के रास्ते होते हुए अमेरिका पहुंचे थे। हालांकि मरते दम तक कोलंबस के जन्म स्थान को लेकर विवाद छिड़ा रहा। लेकिन कई दस्तावेजों के मुताबिक कोलंबस पुर्तगाली थे। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर क्रिस्टोफर कोलंबस के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में... 


जन्म और परिवार

क्रिस्टोफर का जन्म 1451 में हुआ था। वहीं उनके पिता एक जुलाहे थे और कोलंबस को भी बचपन से ही समुद्री यात्राओं का शौक हो गया था। बड़े होकर वह अपने पिता का काम में हाथ बंटाने लगे थे। उस दौरान भारत और एशिया से सुदूर यूरोप तक खूब व्यापार होता था।

इसे भी पढ़ें: Jamshedji Tata Death Anniversary: जमशेदजी टाटा ने अफीम का बिजनेस शुरूकर छुआ था बुलंदियों का आसमान

ऐसे की अमेरिका की खोज

बता दें कि कोलंबस 1492 में स्पेन से सुदूर पूर्वी एशिया यानी भारत,चीन और जापान पहुंचने का आसान रास्ता खोजने के लिए निकले थे। वह जलमार्ग से रवाना हुआ थे। लेकिन पश्चिम दिशा में यात्रा करते हुए वह पश्चिमी दीप समूह में पहुंच गए। वहीं अटलांटिक महासागर में लंबे समय तक नौकायन करने के बाद 1492 में कोलंबस ने नई दुनिया यानी की अमेरिका की खोज की। उस दौरान तक दुनिया में अमेरिका की कोई खास पहचान नहीं थी। 


समुद्र यात्री कोलंबस के शुरुआती जीवन के बारे में जानकारी बेहद कम है। हालांकि 515 साल पहले मर चुके कोलंबस के बारे में साल 2003 में एक बड़ी सफलता मिली थी। दरअसल सेविले में गिरिजाघर के मकबरे में हड्डियां रखी मिली थीं। जोकि डीएनए जांच में कोलंबस की पाई गई थीं। ऐसे में उम्मीद है जल्द ही कोलंबस की वंशावली और जन्म क्षेत्र को जानने में वंशाणु भूगोल मदद कर सकता है। 


मृत्यु

वहीं 20 मई 1506 को क्रिस्टोफर कोलंबस की मृत्यु हो गई थी।

प्रमुख खबरें

टीम इंडिया में बड़ा फेरबदल: गिल बाहर, टी20 वर्ल्ड कप 2026 से पहले चयनकर्ताओं का चौंकाने वाला फैसला

भारत का 1 ट्रिलियन डॉलर निर्यात लक्ष्य मुश्किल, वैश्विक मंदी बनी बड़ी चुनौती

Odisha में माओवादी शीर्ष नेता गणेश उइके ढेर, गृह मंत्री अमित शाह बोले - नक्सल मुक्त भारत की ओर बड़ा कदम

17 साल बाद लौटे तारिक रहमान, बांग्लादेश की राजनीति में लोकतंत्र की रक्षा का नया दांव