भगवान परशुराम की भव्य प्रतिमा का अनावरण, CM शिवराज बोले- आज भी वो धर्म की रक्षा के लिए हमें देते हैं साहस

By अनुराग गुप्ता | May 03, 2022

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को भगवान परशुराम प्रतिमा समारोह में हिस्सा लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज ने स्वामी अवधेशानंद महाराज के साथ मिलकर भगवान परशुराम की प्रतिमा का अनावरण किया। मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि आज भगवान परशुराम का अवतरण दिवस है और उस अवतरण दिवस पर भगवान परशुराम की भव्य प्रतिमा का अनावरण करने स्वामी अवधेशानंद महाराज पधारे हैं...आज अक्षय तृतीया भी है। कई बेटियां दाम्पत्य सूत्र के बंधन में बधेंगी। मैं बेटी दामादों को शुभकामनाएं देता हूं। 

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मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि भगवान राम को धनुष भगवान परशुराम जी ने प्रदान किया था। कन्हैया को सुदर्शन चक्र और गीता जी का सूत्र वाक्य उन्होंने ही दिया था। उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम जी का अवतरण तब हुआ जब समाज में भयंकर अराजकता थी। अधर्म पाप बढ़ रहा था। तब उन्होंने आतताइयों का वध कर अच्छे लोगों को प्रतिष्ठित करने का काम किया ताकि समाज में सुव्यवस्था बनी रहे। आज भी भगवान परशुराम धर्म की रक्षा के लिए हमें शक्ति और साहस देते हैं।

बलि प्रथा का किया था विरोध 

उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम के चरणों में प्रार्थना करते हुए हम उनसे यही वरदान मागते हैं कि सन्मार्ग में चलते रहें, सद्बुद्धि बनी रहें, जनता की बेहतर सेवा करते रहें, सजन्नों का उद्धार होता रहें। परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् के लिए तो अपने जन्म लिया था। भगवान परशुराम जी ने बलि प्रथा का विरोध किया था। हम सभी में ईश्वर का अंश है तो एक अंश दूसरे अंशी को मारे यह कैसे हो सकता है। सभी में चेतना है और इस सृष्टि के कण-कण में भगवान हैं।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति आगे बढ़ती रहे इसके लिए कर्मकाण्डी, विद्वान, इस संस्कृति के वाहक तो चाहिए ही। हमने संस्कृत के शिक्षकों की भर्ती प्रारम्भ की है। मैं पाठ्यक्रम समिति को बुलाकर निर्देश दूंगा की भगवान परशुराम जी के चरित्र का पाठ तत्काल पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाए। 

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मंदिर में नहीं होगा सरकार का कोई हस्तक्षेप 

मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि ऐसे मंदिर जहां ज़मीनें मंदिर से लगी नहीं हैं, उनके पुजारियों का मानदेय 5000 रुपए कर दिया जाएगा। जिन मंदिरों की जमीनें हैं, वहां उसमें से ही मानदेय की व्यवस्था की जाएगी। मंदिर की पूरी व्यवस्था पुजारी के हाथ में आनी चाहिए। सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।

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