आओ मिलकर वृक्ष उगाएं (कविता)

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 26, 2017

सृष्टि का आधार वृक्ष हैं।
परम पूज्य और धन्य वृक्ष हैं ।।

लाखों लोगों का व्यापार वृक्ष से।

जीवन संलग्न और स्वास्थ्य वृक्ष हैं।।

 

पक्षियों का आवास इन्हीं पर। 

धरती का श्रृंगार वृक्ष हैं।।

 

तनिक न आलसी तनिक न स्वार्थी।

मेहनत करते दिन-रात वृक्ष हैं ।।

 

बारिश से ये हमें बचाते।

कड़क धूप में छांव पहुंचाते।।

 

इलाज उपलब्ध कराते वृक्ष हैं। 

धरती तक जल पहुंचाते वृक्ष हैं।।

 

भूख मिटाते, प्यास बुझाते।

धरती को स्वर्ग बनाते वृक्ष हैं।।

 

आओ मिलकर हम वृक्ष उगाएं।

धरा को स्वस्थ, हरी-भरी बनाएं।।

 

पड़े अगर एक पेड़ काटना।

एवज में उसके दो वृक्ष लगाएं।।

 

- अमृता गोस्वामी

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