By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 09, 2019
नयी दिल्ली। लोकसभा में एक दिन पहले ही पारित नागरिकता (संशोधन) विधेयक का विरोध कर रहे कांग्रेस सदस्यों ने बुधवार को राज्यसभा में हंगामा किया जिसके कारण उच्च सदन की बैठक करीब 11:35 बजे दोपहर 12 बजे तक के लिये स्थगित कर दी गयी थी। इससे पहले सदन की बैठक एक दिन के लिये बढ़ाये जाने को लेकर अन्नाद्रमुक, तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के सदस्यों ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया।
सदन की बैठक सुबह 11 बजे शुरू होने पर अन्नाद्रमुक के एस आर बालासुब्रमण्यम और तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर राय ने सदन की बैठक के विस्तार पर व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुये सदन संचालन संबंधी नियमों का उल्लंघन होने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि बैठक की अवधि बढ़ाने की घोषणा आसन से की जाती है। लेकिन मंगलवार को आसन ने ना तो इस आशय की घोषणा की और ना ही इसके लिये संशोधित कार्यसूची को अधिसूचित किया गया। इस पर संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने कहा कि दस दिन तक हंगामे की भेंट चढ़ी कार्यवाही की विपक्ष चिंता नहीं कर रहा है। अति महत्वपूर्ण दो विधेयकों नागरिकता संशोधन विधेयक और सामान्य वर्ग को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने के लिये संविधान संशोधन विधेयक पारित कराने के लिये सदन की बैठक एक दिन बढ़ानी पड़ी।
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नेता सदन अरुण जेटली ने भी नियमों का हवाला देकर कार्य अवधि बढ़ाने को सरकार और आसन का विशेषाधिकार बताया। इस मुद्दे पर हंगामा नहीं थमने पर उपसभापति हरिवंश ने आसन ने कार्य अवधि बढ़ाने की घोषणा नहीं किये जाने को ‘‘निजी चूक’’ बताया। हंगामे के बीच ही उपसभापति ने शून्य काल के तहत लोक महत्व महत्व के मुद्दे उठाने को कहा। इस बीच कांग्रेस के सदस्य नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ नारेबाजी करते हुये आसन के समीप आ गये। उनका कहना था कि इस विधेयक के प्रावधानों से असम में सुरक्षा का संकट पैदा हो सकता है।