कांग्रेस का बड़ा आरोप, सेना के राजनीतिकरण का प्रयास कर रहे हैं प्रधानमंत्री

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 07, 2018

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 'सेना के राजनीतिकरण के प्रयास' का आरोप लगाते हुए आज कहा कि कर्नाटक के चुनाव प्रचार में पूर्व सेना प्रमुखों को खींचने के लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि 'लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं दिया गया क्योंकि वह दलित हैं।' पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, 'प्रधानमंत्री भारत की सेना, पूर्व सेना प्रमुखों और मौजूदा सेना प्रमुख को चुनाव प्रचार में खींच लाए हैं। उनकी ओर से सेना के राजनीतिकरण की कोशिश हो रही है। यह देश के साथ बड़ा अन्याय है। ऐसा पहले किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया।' उन्होंने कहा, 'सर्जिकल स्ट्राइक के समय हमने स्पष्ट किया था कि हम सेना के साथ हैं और आतंकवाद के खिलाफ पूरा देश एकजुट है। इसके बावजूद प्रधानमंत्री सेना प्रमुख को लेकर कांग्रेस का हवाला देकर एक शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं जिसकी जितनी भी निंदा की जाए वो कम है।' उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री को अपने शब्द वापस लेने चाहिए और माफी मांगनी चाहिए।'

शर्मा ने कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जनरल थिमैया और करियप्पा का उल्लेख किये जाने का हवाला दिया और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री इतिहास के बारे में गलत तथ्य पेश कर रहे हैं और 'यह दुर्भाग्य की बात है कि देश के प्रधानमंत्री को इतिहास की सही जानकारी नहीं है।' उन्होंने कहा, 'मोदी की मानसिकता देश के लिए चिंता का विषय है। उनको अहसास होना चाहिए कि वह देश के प्रधानमंत्री हैं। बार बार प्रधानमंत्री अपनी बातों को लेकर गलत साबित हों, यह देश के लिए ठीक नहीं है। पूरी दुनिया देखती है कि देश का नेता क्या कह रहा है। उन्हें ध्यान रखना चाहिए।' शर्मा ने कहा, 'प्रधानमंत्री विपक्ष की मानसकिता से बाहर निकलें और चार साल का हिसाब दें।' उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक के चुनाव में केंद्र की पूरी सरकार राज्य में बैठी है। प्रधानमंत्री और उनके लोगों को शासन चलाने की चिंता नहीं है।

 

उन्होंने कहा, 'चुनावी फायदे के लिए समाज में तनाव पैदा करने की कोशिश की जा रही है। धर्म के नाम पर विभाजन और ध्रुवीकरण हो रहा है। इसकी सीधी जिम्मेदारी प्रधानमंत्री पर है।' कांग्रेस नेता ने कहा, 'हम कर्नाटक में प्रधानमंत्री के प्रचार करने से जरा भी विचलित नहीं हैं क्योंकि वह अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं। देश के लोगों को अब उनमें भरोसा नहीं रहा। यह बात अब हताशा के रूप में बाहर आ रही है।' उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक में प्रधानमंत्री और भाजपा की ओर से प्रचार नहीं दुष्प्रचार किया जा रहा है। वो राजनीतिक संवाद को निम्न स्तर पर ले गए हैं।

 

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