हिमाचल में भाजपा का मुकाबला कांग्रेस ही करेगी तीसरे मोरचे की कोई संभावना नहीं , मुकेश अग्निहोत्री

By विजयेन्दर शर्मा | Mar 29, 2022

शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजनिति में इन दिनों प्रदेश में आम आदमी पार्टी के तौर पर तीसरे राजनैतिक दल आम आदमी पार्टी की एंटरी को कयासबाजी जारी है। पंजाब में मिली जीत के बाद आप के काडर में खास उत्साह देखने को मिल रहा है। जिसके चलते 6 अप्रैल को मंडी से आप सुप्रीमों अरविन्द केजरीवाल पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ रोड शो के जरिये पार्टी के चुनावी अभियान की शुरूआत करेंगे। 

 

लेकिन , विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं हरोली के विधायक मुकेश अग्निहोत्री का कहना है कि राज्य में तीसरे दल के लिए कोई संभावना ही नहीं है। अग्निहोत्री ने कहा कि राज्य में दो परंपरागत दलों के बीच ही ध्रुवीकरण की स्थिति रहती है। हालांकि उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे जमीन पर काम करने पर ध्यान दें ताकि भाजपा को करारा जवाब दिया जा सके। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार पहले ही बैकफुट पर है। उपचुनाव में हमने बड़ी जीत दर्ज की है और अब उस माहौल को बनाए रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दरअसल भाजपा ने तीसरे दल की एंट्री की बातें तेज कर दी हैं ताकि उसे वोट कटने से फायदा मिल सके।

 

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बता दें कि पंजाब में बड़ी जीत हासिल करने के बाद से आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश पर फोकस कर रही है। 6 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान की मंडी जिले में रैली होने वाली है, जहां के सीएम जयराम ठाकुर रहने वाले हैं। उन्होंने कहा कि सीएम जयराम ठाकुर मंडी जिले को एयरपोर्ट देने की बात कर रहे थे, लेकिन उनका प्रोजेक्ट फेल साबित हुआ है। इसके अलावा ऊना-हमीरपुर रेल लाइन का अनुराग ठाकुर का सपना भी पूरा नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि सरकार का फोकस विकास से ज्यादा मंत्रियों और अधिकारियों के लिए सुविधाएं जुटाने पर है।

 

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अग्निहोत्री ने कहा कि नौकरशाहों और मंत्रियों के लिए महंगी कारें खरीदीं गई हैं। इसके अलावा बिना किसी पारदर्शिता के सीएम के लिए हेलिकॉप्टर की खरीद की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में माफिया राज देखने को मिल रहा है। लगातार चौथा साल ऐसा गुजरा है, जब शराब के वेंडर की नीलामी नहीं की गई है। इसके चलते सरकार के खजाने को 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। इसके चलते शराब का समानांतर कारोबार चल पड़ा है। यही नहीं ऊना में ग्रीन ट्राइब्यूनल की हिदायतों के बाद भी खनन माफिया पहले की तरह ही ऐक्टिव है।


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