अदालत ने वंजारा को गुजरात लौटने की दी इजाजत

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 02, 2016

अहमदाबाद। विशेष सीबीआई अदालत ने इशरत जहां कथित फर्जी मुठभेड़ कांड के मुख्य आरोपी सेवानिवृत आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा को गुजरात में प्रवेश करने और वहां ठहरने की आज अनुमति देकर उनकी जमानत शर्तों में ढील दी। विशेष न्यायाधीश एसआर राजे की अदालत ने गुजरात में प्रवेश करने और वहां ठहरने के वास्ते जमानत में संशोधन संबंधी उनकी अर्जी मंजूर कर ली लेकिन साथ ही यह शर्त लगा दी कि वह हर शनिवार को अदालत में अपनी उपस्थिति दर्ज करायेंगे।

 

पिछले वर्ष फरवरी में वंजारा को कथित इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ कांड में इस शर्त के साथ जमानत मिली थी कि वह गुजरात में प्रवेश नहीं करेंगे। उनके देश से बाहर जाने पर भी रोक लगा दी गयी थी। पूर्व अधिकारी ने लश्कर ए तैयबा के आतंकवादी डेविड हेडली की मुम्बई की एक अदालत में इस गवाही के बाद अपनी जमानत में संशोधन के लिए अर्जी लगायी थी कि इशरत लश्कर की आतंकवादी थी। अहमदाबाद के बाहरी इलाके में 15 जून, 2004 को जब गुजरात पुलिस के साथ कथित मुठभेड़ में मुम्बई के एक कॉलेज की छात्रा इशरत, जावेद शेख उर्फ प्रणेश पिल्लई, अमजदअली अकबरअली राणा और जीशान जौहर मारे गए थे तब वंजारा शहर अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त थे।

 

वंजारा सोहराबुद्दीन शेख और तुलसी प्रजापति के कथित फर्जी मुठभेड़ मामलों में आरोपी बनाए गए थे क्योंकि जब वह राज्य आतंकवाद निरोधक दस्ते के प्रमुख थे तब ये मुठभेड़ हुई थीं। उन्हें 24 अप्रैल, 2007 को सीआईडी क्राइम ने 2005 के कथित सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था और वह जमानत मिलने पर सलाखों के पीछे थे। सितंबर, 2014 में मुम्बई की एक अदालत ने वंजारा को सोहराबुद्दीन शेख और तुलसी प्रजाति कथित फर्जी मुठभेड़ मामलों में जमानत दी थी।

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