By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 30, 2019
नयी दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर द्वारा दायर मानहानि के मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को एक आरोपी के तौर पर तलब किया है। ‘मी टू’ अभियान के दौरान रमानी ने अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। अदालत ने देखा कि अकबर के खिलाफ लगाए गए आरोपों की प्रकृति “प्रथम दृष्टया मानहानिकारक’’ है और उन्होंने सभी आरोपों को ‘‘गलत एवं काल्पनिक’’ बताते हुए इनसे इनकार किया है। इसके बाद अदालत ने रमानी को 25 फरवरी को अपने समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने कहा, “प्रतिवादी के आरोप प्रथम दृष्टया अपमानजनक हैं और शिकायतकर्ता की ओर इशारा करते हैं, इसलिए वह व्यथित व्यक्ति हैं...यह शिकायत दर्ज कराने के लिहाज से। उन्होंने प्रतिवादी द्वारा अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को गलत एवं मनगढ़ंत बताया है।” उन्होंने 23 पन्नों के आदेश में कहा, “ये मानहानिकारक बयान प्रकाशित हुए हैं, व्यापक स्तर पर पढ़े गए हैं और खासकर गवाहों द्वारा जिन्होंने गवाही दी है कि उनके हिसाब से शिकायतकर्ता की साख गिरी है।”
यह भी पढ़ें: मथुरा से ही 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगी हेमा मालिनी
अदालत ने कहा, “फिलहाल अदालत के पास केवल शिकायतकर्ता का बयान है जिन्होंने अदालत में शपथ लेते हुए कहा कि सभी आरोप गलत हैं और बाद में अपने निर्दोष एवं बेदाग साख को प्रमाणित करने के लिए गवाह लेकर आए।” रमानी ने आरोप लगाया था कि अकबर ने तकरीबन 20 साल पहले उनका यौन उत्पीड़न किया था। इन आरोपों का अकबर ने खंडन किया था। अदालत का आदेश आने के बाद रमानी ने ट्विटर पर लिखा कि मामले में अपना पक्ष रखने का समय आ गया। अदालत ने कहा कि अकबर द्वारा लाए गए गवाहों ने भी साबित किया है कि उनके अनुमान से शिकायतकर्ता की साख गिरी है।