चेक बाउंस होने की शिकायत का संज्ञान ले सकती है अदालत: Allahabad High Court

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 07, 2024

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि चेक बाउंस होने के मामले में यदि एक महीने में शिकायत दर्ज कराई जाती है तो अदालत इसका संज्ञान ले सकती है। अदालत ने परक्राम्य लिखत अधिनियम (निगोशिएबल इंस्ट्रुमेंट्स एक्ट)1881 की धारा 138 के तहत दर्ज शिकायत पर गौर करने के बाद यह टिप्पणी की।

शिकायत में कहा गया था कि खाते में अपर्याप्त राशि होने की वजह से बैंक नेबिना भुगतान के याचिकाकर्ता को चेक वापस लौटा दिया। सुदेश कुमार नामक व्यक्ति की यह याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति डॉक्टर योगेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा, “अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक धारा 138 के तहत एक महीने में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।”

अदालत ने कहा, “यदि चेक जारी करने वाला व्यक्ति उचित अवधि में भुगतान करने में विफल रहता है तो उसे इस संबंध में धारा 138 के प्रावधान के तहत 15 दिन के अंदर नोटिस भेजना आवश्यक है।”

मौजूदा मामले में अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ता के पास नोटिस प्राप्त करने की तिथि से राशि भुगतान करने के लिए 15 दिन का समय था, लेकिन वह ऐसा करने में विफल रहा, इसलिए शिकायती कार्रवाई की गई और निर्धारित एक महीने में अदालत के समक्ष इस संबंध में शिकायत की गई।

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