By मिताली जैन | Aug 24, 2025
पीसीओडी में कई तरह की समस्याओं जैसे वजन बढ़ने से लेकर मूड स्विंग्स तक का सामना करना पड़ता है। लेकिन इसके अलावा भी एक ऐसी समस्या है, जो आपको काफी परेशान कर सकती है और वह है ब्लोटिंग यानी पेट फूलना। पीसीओडी में जब ब्लोटिंग होती है तो आपको बहुत अधिक बैचेनी का अहसास होता है। इस स्थिति में अधिकतर महिलाएं दवाओं का सहारा लेती हैं। लेकिन जरूरी नहीं है कि हर बार आप सिर्फ और सिर्फ दवाओं पर ही निर्भर रहें। अगर आप अपने लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करती हैं और अपनी रोजमर्रा की आदतों को कुछ बदल देती हैं तो इससे भी आपको काफी लाइट और एनर्जेटिक महसूस होता है।
हालांकि, इन बदलावों में सिर्फ आपका खान-पान ही शामिल नहीं है, बल्कि आप अपने दिन की शुरुआत कैसे करती हैं या स्ट्रेस को किस तरह मैनेज करती हैं, यह सब भी काफी मायने रखता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी ही रोजमर्रा की आदतों के बारे में बता रहे हैं, जो पीसीओडी ब्लोटिंग को कम करने में आपकी काफी मदद करेंगे-
दिन की शुरुआत हमेशा नींबू पानी के साथ करें। इसके लिए एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू का रस डालकर पीएं। इससे ना केवल शरीर के टॉक्सिन बाहर निकलते हैं, बल्कि डाइजेशन पर भी अच्छा असर पड़ता है, जिससे आपको ब्लोटिंग की शिकायत नहीं होती।
प्रोसेस्ड फूड में सोडियम बहुत ज्यादा होता है। ज्यादा सोडियम पानी रोकता है और ब्लोटिंग बढ़ाता है। इसलिए कोशिश करें कि प्रोसेस्ड फूड जैसे चिप्स, फ्रोजन फूड और फास्ट फूड आदि से दूरी बनाएं। इसके अलावा खाने में ज्यादा नमक या अचार आदि का सेवन भी ना करें।
अपनी डाइट में कई तरह की हर्बल टी जैसे सौंफ, पुदीना, अदरक या कैमोमाइल टी आदि का सेवन करें। इससे आपके डाइजेशन सिस्टम को काफी रिलैक्स मिलता है। ये ब्लोटिंग और गैस जैसी समस्याओं को कम करने में सहायक है। हर्बल टी के अलावा पानी का सेवन भी भरपूर करें। पानी अतिरिक्त सोडियम को बाहर निकलता है और इससे आपको काफी आराम मिलता है।
आपको शायद पता ना हो, लेकिन बहुत ज्यादा स्ट्रेस भी आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। दरअसल, स्ट्रेस हार्मोनल इम्बैलेंस बढ़ाता है, जिससे ब्लोटिंग होती है। इसलिए, इसे मैनेज करने के लिए ध्यान, डीप ब्रीदिंग व जर्नल लिखना आदि शुरू करें।
- मिताली जैन