By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 09, 2016
आप सरकार 22 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा के चार दिवसीय सत्र के दौरान जीएसटी विधेयक को दिल्ली विधानसभा के समक्ष अनुमोदन के लिए रखेगी। नयी कर व्यवस्था को लागू करने के लिए केंद्र का 29 राज्यों में से कम से कम आधे राज्यों की विधानसभाओं से विधेयक को मंजूरी दिलाने का लक्ष्य है। आप सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि वह वस्तु एवं सेवा कर के समर्थन में है। यह कई अप्रत्यक्ष केंद्रीय करों और राज्य करों की जगह लेगा।
दिल्ली सरकार के सूत्रों ने बताया कि अगर सत्र शुरू होने से पहले केंद्र की ओर से कोई आधिकारिक पत्र मिलता है तो विधानसभा विधेयक को मंजूरी देगी। जीएसटी विधेयक को लंबे समय में देश के सबसे बड़े कर सुधार के तौर पर देखा जा रहा है। राष्ट्रपति के जीएसटी परिषद की अधिसूचना जारी करने से पहले इसे कम से कम 15 राज्यों की विधानसभाओं से अनुमोदन दिलाने की आवश्यकता है। जीएसटी परिषद नये करों की दरें और अन्य मुद्दों पर फैसला करेगी। केंद्र विधेयक को यथाशीघ्र अनुमोदन दिलाने के लिए 13 राजग शासित राज्यों पर निर्भर है जबकि वह कुछ अन्य विपक्ष शासित राज्यों की ओर भी देख रही है ताकि वह जीएसटी को अगले साल अप्रैल तक लागू करने के लिए कदम उठा सके। लोकसभा ने जीएसटी विधेयक को सोमवार को पारित किया जबकि राज्यसभा ने पिछले सप्ताह इस विधेयक को पारित किया था।